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मऊ। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार उपाध्याय ने शनिवार को जिले के विभिन्न परिषदीय विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में व्यापक पैमाने पर अनियमितता मिली। कई शिक्षक उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर बनाकर गायब रहे। बीएसए ने लापरवाह 15 शिक्षकों का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण मांगा है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने रतनपुरा के छत्तरपुरा स्थित प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण में सहायक अध्यापक पंकज सिंह, गुड्डी, शिक्षामित्र अक्षय लाल चौहान, मिथलेश चौहान अनुपस्थित रहे। नामांकन 46 रहा। प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण मांगा है। कंपोजिट विद्यालय मोलनापुर के निरीक्षण में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका शीला देवी, सहायक अध्यापक अर्चना यादव, शंभूनाथ यादव, सोनिया बेन, इशरत जहां, प्रियवंदा मौर्य, शिक्षामित्र सरोज यादव, सुशीला यादव अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहीं। विद्यालय में 193 की तुलना में महज 14 बच्चे उपस्थित रहे। बीएसए ने अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने का निर्देश दिया। इसी क्रम में कोपागंज के श्याम नारायण पांडेय आदर्श जूनियर हाईस्कूल चोरपा खुर्द का निरीक्षण किया। निरीक्षण में प्रधानाध्यापक ब्रजेंद्र कुमार राय, ओमप्रकाश अनुपस्थित रहे। 81 की तुलना में 26 बच्चे उपस्थित रहे। जबकि मध्याह्न भोजन योजना में उपस्थिति 45 बच्चों के आसपास दर्शायी गई थी। शैक्षिक माहौल नहीं पाया गया। अनुपस्थित अध्यापक, प्रधानाध्यापक का अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने का निर्देश दिया। साथ ही तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। इसी क्रम में जूनियर हाईस्कूल चोरपा खुर्द का निरीक्षण किया। निरीक्षण में सहायक अध्यापक रुपिका राय की हाजिरी बनी हुई थी, लेकिन वह स्कूल बाद में आईं। हस्ताक्षर पंजिका पर पहले से ही कई शिक्षिकाओं का फर्जी हस्ताक्षर बनाया गया था। दो शिक्षिकाओं के विरुद्ध एफआईआर के लिए विद्यालय प्रबंधक को निर्देश दिया। इसी क्रम में प्राथमिक विद्यालय हथिनी का निरीक्षण किया। निरीक्षण में शिक्षा मित्र अनुपस्थित मिलीं। शिक्षामित्र का एक दिन का वेतन रोकने का निर्देश दिया
भगवान सिंह पूर्व माध्यमिक विद्यालय बीबीपुर के पूरे स्टाफ का वेतन रोका
इसी क्रम में भगवान सिंह पूर्व माध्यमिक विद्यालय बीबीपुर रतनपुरा का निरीक्षण किया। निरीक्षण में सहायक अध्यापक अजीत कुमार सिंह गायब मिले। मध्याह्न भोजन में फर्जी छात्रों का अंकन पाया गया। विद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता संतोषजनक नहीं मिली। पूरे स्टाफ का अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने का निर्देश दिया।