नई दिल्ली। मासिक धर्म के कारण अब बेटियों की स्कूली शिक्षा बाधित नहीं होगी। लड़कियों को स्कूली शिक्षा से जोड़े रखने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने सभी स्कूलों को 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के दौरान मुफ्त सैनेटरी पैड मुहैया कराने का दिशानिर्देश जारी किया है। इसमें छात्राओं की सुविधा का ध्यान रखते हुए रेस्ट ब्रेक देने को भी कहा गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी स्कूलों, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) और नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) को एक परामर्श भेजा है। मंत्रालय का
मानना है कि लड़कियों के समग्र कल्याण के लिहाज से मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन बेहद जरूरी है।
यह फैसला लड़कियों के स्वास्थ्य, सम्मान और शैक्षणिक सफलता को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। दरअसल, मासिक धर्म के कारण ग्रामीण व दूरदराज इलाकों की छात्राएं स्कूली पढ़ाई बीच में छोड़ देती है क्योंकि उनके पास सैनेटरी पैड खरीदने के लिए पैसे नहीं होते हैं। दूसरे कई बार बेटियां शर्म के कारण अपनी दिक्कतों को घर और स्कूल में महिला शिक्षकों के समक्ष भी नहीं बता पाती हैं। इसी कारण स्कूल से दूर हो जाती है।