लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने से रोकने और धांधली खत्म करने के लिए फूलप्रूफ इंतजाम करते हुए नई नीति जारी कर दी गई है। एक भर्ती परीक्षा कराने के लिए चार एजेंसियों की अलग-अलग जिम्मेदारी होगी। परीक्षार्थियों को अपने गृह मंडल के बाहर परीक्षा देने जाना होगा। निशक्तों और महिलाओं पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। चार लाख से अधिक परीक्षार्थी होने पर दो चरणों में परीक्षा होगी। रिजल्ट बनाने में धांधली रोकने के लिए आयोग और बोर्ड में ही ओएमआर शीट की स्कैनिंग कराई जाएगी।
परीक्षा केंद्र बनाने के लिए दो श्रेणियां बनाई गई हैं। पहली श्रेणी में राजकीय इंटर कॉलेज से लेकर मेडिकल व इंजीनयिरंग कॉलेजों को रखा गया है। दूसरी श्रेणी में एडेड स्कूलों को रखा गया है। वित्त विहीन स्कूलों व कॉलेजों में परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
चार एजेंसियों को मिली अलग-अलग जिम्मेदारी
● एजेंसी-ए का काम प्रश्नपत्र तैयार करना, छपवाना और सभी जिलों के कोषागार में पहुंचाना होगा।
● एजेंसी-बी का काम परीक्षा कराना, इसमें प्रश्नपत्रों को कोषागार से परीक्षा केंद्र तक पहुंचाना, परीक्षा केंद्र की सभी व्यवस्था व परीक्षा के बाद ओएमआर शीट को आयोग व बोर्ड तक पहुंचाना होगा।
● एजेंसी सी का काम परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था, इसमें सिक्योरिटी, फ्रिस्किंग, बायोमैट्रिक कैप्चर, सीसीटीवी, कंट्रोल रूम की व्यवस्था करना होगा।
● एजेंसी-डी का काम ओएमआर शीट की स्कैनिंग आयोग व बोर्ड परिसर में ही कराकर परीक्षा का स्कोर चयन संस्था को उपलब्ध कराना होगा।
● धांधली रोकने के लिए गृह मंडल के बाहर देनी होगी परीक्षा
● सरकारी स्कूल, इंजीनियरिंग व मेडिकल कालेज बनेंगे केंद्र
तीन सेटों में ओएमआर शीट, मूल प्रति आयोग के पास होगी
ओएमआर शीट तीन सेटों में होगी। मूल प्रति आयोग व बोर्ड के पास होगी। दूसरी सीलबंद कोषागार व तीसरी अभ्यर्थियों को दी जाएगी। परीक्षा के दौरान आयोग व बोर्ड किसी भी तरह की अफवाह का खंडन करेगा। परीक्षा के दौरान एसटीएफ व पुलिस के संपर्क में रहेंगे। परीक्षा के दौरान कंट्रोल रूम से कड़ी निगरानी की जाएगी।