नई दिल्ली। फास्टैग उपलब्ध कराने वाली बैंकिंग कंपनियों ने एक जुलाई से कई तरह के नए शुल्क लगाने का फैसला लिया है। इसको लेकर उपभोक्ताओं को एसएमएस और मेल भेजे जा रहे हैं। अब उपभोक्ताओं को तीन महीने में टैग मैनेजमेंट, खाते में पैसा कम होने, भुगतान विवरण निकालने जैसे शुल्क अदा करने होंगे।
एनपीसीआई ने 20 जून को फास्टैग से जुड़ने वाले नए ग्राहकों और पुन ग्राहक को जानो (केवाईसी) सत्यापन कराने संबंधी निर्देश जारी किए। इनमें नए फास्टैग एवं पुन फास्टैग जारी करने, सिक्योरिटी डिपॉजिट और न्यूनतम रिचार्ज से जुड़ा शुल्क निर्धारित किया गया। लेकिन अब कंपनियों ने सर्विस के नाम पर कुछ अतिरिक्त शुल्क जोड़कर उपभोक्ताओं को निर्देश भेजने शुरू कर दिए हैं। नियम कहता है कि अब कंपनियों को टोल प्लाजा पर अधिकृत केंद्र में अधिकृत एजेंट बैठाना होगा। अगर केवाईसी व अन्य अनियमितता पाई जाती है तो 10 हजार का जुर्माना लगाने का प्रावधान भी किया गया है।
तीन महीने तक लेन-देन न होने पर बंद होगी सेवा कंपनियों ने यह नियम भी जोड़ दिया है कि फास्टैग सक्रिय रहना चाहिए। इसके लिए तीन महीने के अंदर एक लेन-देन होना जरूरी है। अगर लेन-देन नहीं होता है तो वह निष्क्रिय हो जाएगा।