कानपुर। डिजिटल हाजिरी के मुद्दे पर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ में टकराव की नौबत है। महासंघ की प्राथमिक शिक्षक इकाई डिजिटल हाजिरी के विरोध में है। वहीं, माध्यमिक इकाई के जिला महामंत्री को डिजिटल हाजिरी के पक्ष में उतरना महंगा पड़ा। महासंघ की प्रांतीय इकाई ने उन्हें जनपदीय दायित्व से निलंबित कर दिया है। उधर, जिले के 585 संकुल में 322 त्यागपत्र दे चुके हैं। गुरुवार को इस पर अंतिम निर्णय होगा।
डिजिटल हाजिरी को लेकर परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों ने आंदोलन शुरू कर दिया था। फिलहाल इस आदेश को स्थगित कर दिया गया है। समिति गठित की गई है ताकि शिक्षकों से सुझाव मांगे जा सकें। माध्यमिक के राजकीय शिक्षकों के लिए बायोमीट्रिक लागू की गई है, जो वेतन बिल से लिंक रहेगी। इसे अशासकीय से अभी नहीं जोड़ा गया है। यहां बायोमीट्रिक तो होती है पर वेतन बिल से नहीं जोड़ा गया है।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जनपदीय महामंत्री सर्वेश तिवारी ने डिजिटल हाजिरी के समर्थन में बयान दे दिया। इससे नाराज प्रांतीय इकाई के अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह और अरुण शुक्ल ने सर्वेश तिवारी को निलंबित कर दिया है। उनका कहना है कि वे समर्थन में नहीं हैं पर बयान के आशय को समझने में भूल की गई है। मेरा पद से निलंबन किया गया है। इसका जवाब भेज रहा हूं। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष राकेश बाबू पांडेय ने बताया कि दो चरणों में कुल 322 शिक्षा संकुल ने इस्तीफा दिया है। कुल 585 संकुल हैं। इन शिक्षकों को कई अतिरिक्त कार्य करने पड़ते हैं, जिसके बदले में कोई मानदेय नहीं मिलता है। ऐसे में यह शिक्षक अब इस काम को नहीं करना चाहते हैं।