यूपी के हाथरस में सादाबाद ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय कजरौठी का पीएम श्री योजना में चयन हुआ है। मंगलवार को स्कूल के अंदर जेसीबी से खुदाई का काम चल रहा था। तभी अचानक सिक्के निकल पड़े। सिक्कों को बच्चे अपने घर ले गये, लेकिन वहां तेजी के साथ अफवाह उड़ी कि स्कूल में सोने के सिक्के मिले है। अब विभागीय अधिकारी बच्चों से सिक्के मंगाकर उनकी पड़ताल कराएंगे।
जनपद के छह विद्यालयों का चयन पीएम श्री योजना के तहत हुआ है। जिसमें सादाबाद ब्लाक का परिषदीय विद्यालय कजरौटी भी शामिल है। विद्यालय परिसर में हेड मास्टर के द्वारा समतीलीकरण कराए जाने के लिए जेसीबी से खुदाई का कार्य कराया जा रहा था। विद्यालय की छुट्टी होने के उपरांत बच्चे खुदाई वाले स्थान पर खेल रहे थे। तभी खेलते समय बच्चों को मिट्टी में कुछ सिक्के पड़े हुए मिले। उन सिक्कों को बच्चे अपने घर ले गए। सिक्के मुगलशासन काल के बताए जा रहे है। खुदाई के दौरान सोने के सिक्के निकलने की खबर पूरे गांव में आग की तरह फैल गई। काफी संख्या में लोग एकत्रित होकर वहां पहुंच गए। तरह तरह की चर्चाएं पूरे दिन गांव में ग्रामीणों के बीच होती रही।
अंग्रेजों के जमाने का है स्कूल
सादाबाद ब्लाक का परिषदीय विद्यालय कजरौठी अंग्रेजों के समय का है। विद्यालय जहां टीले पर बना हुआ है,तो वहीं गांव कुछ नीचे बना हुआ है। विद्यालय परिसर में जगह काफी होने पर उसका नाम पीएम श्री विद्यालय के लिए चिन्हित करके शासन को भेजा गया। शासन ने जनपद के छह विद्यालयों को पीएम श्री स्कूल के रूप में डबलप करने के निर्देश जारी कर दिए। पीएम श्री स्कूल की बिल्डिंग जहां सुंदर व भव्य होगी। तो वहीं पुस्तकालय, लाइब्रेरी, खेल मैदान, किचिन गार्डन आदि की सहुलियत विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मिलेगी।
बच्चों व ग्रामीणों से लिए जायेंगे सिक्के
विद्यालय परिसर की खुदाई के दौरान सिक्के निकलने की बात जब विभागीय अधिकारियों के पास तक पहुंची तो वो हरकत में आ गए। अब विभागीय अधिकारी खुदाई के समय जो सिक्के निकले है। उन्हें बच्चों व ग्रामीणों से वापस लेंगे। जिसके बाद उन सिक्कों को विशेषज्ञों के समक्ष भी भेजा जाएगा। जिससे कि इस बात का आंकलन हो सके कि आखिरकार सिक्के कितने वर्ष पुराने है।
प्रभारी बीएसए एवं बीईओ सादाबाद, आलोक प्रताप श्रीवास्तव ने कहा कि पीएम श्री स्कूल के रूप में विद्यालय को विकसित किया जा रहा है। मंगलवार को विद्यालय परिसर को समतल कराए जाने का कार्य कराया गया। जेसीबी से खुदाई कराई गई। कुछ सिक्के बच्चों को मिले है,बच्चों से सिक्के लेने के बाद पड़ताल कराई जाएगी कि आखिरकार वो किस समय के है। पीएम श्री विद्यालय कजरौटी के हेड मास्टर, विशन स्वरूप का कहना है कि विद्यालय परिसर को जेसीबी से समतल कराया जा रहा था। इसी दौरान बच्चों को कुछ सिक्के मिले। जिन्हें वो अपने अपने साथ ले गए। आज जब बच्चे स्कूल आऐंगे तो उनसे सिक्के वापस लेकर उनकी पड़ताल कराई जाएगी।
कजरौठी विद्यालय के रिटायर्ड शिक्षक, रमेश चंद्र गौतम ने बताया कि मैंने इस विद्यालय में उन्नीस साल बतौर शिक्षक के रूप में कार्य किया। इस विद्यालय की स्थापना 1957 से पूर्व की है। हाथरस जिले का काफी एतिहासिक विद्यालय है। इस विद्यालय से पढ़ने वाले बच्चों ने नाम रोशन किया है। कजरौटी के ग्राम प्रधान, महाराज सिंह ने कहा कि कुछ सिक्के बच्चों के पास होने की जानकारी मिली थी,लेकिन सिक्के किसी ने नहीं दिखाएं। बुधवार को जलनिगम की जेसीबी से पुन उस स्थान की खुदाई कराई गई,जहां कुछ भी नहीं निकला।
ग्रामीण, राजू गोला ने कहा कि विद्यालय की खुदाई के समय कुछ सिक्के निकले,जिन्हें बच्चे अपने साथ ले गए। सिक्के देखने से मुगल शासन काल के प्रतीत हो रहे है। गांव में सिक्के निकलने पर तरह तरह की चर्चाएं है। एक ग्रामीण, श्रीप्रसाद ने कहा कि विद्यालय परिसर में खुदाई के समय सिक्के निकलने की जानकारी ग्रामीणों ने दी। कुछ बच्चे सिक्के अपने साथ ले गए। सिक्के तांबे के बताए जा रहे है। सिक्के मुगलशासन काल के है।