प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों को किसी भी प्रकार का शारीरिक व मानसिक दंड नहीं किया जाएगा। बच्चों को फटकारना, परिसर में दौड़ाना, चिकोटी काटना, चाटा मारना, घुटनों के बल बैठाना, क्लास रूम में अकेले बंद करना आदि प्रतिबंधित है। नए सत्र में बेसिक शिक्षा विभाग ने इसे लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
विभाग ने कहा है कि सभी बच्चों को व्यापक प्रचार-प्रसार से बताया जाए कि वह शारीरिक दंड के विरोध में अपनी बात कहने का अधिकार है। हर स्कूल, जहां छात्रावास, जेजे होम्स, बाल संरक्षण गृह आदि है, में एक फोरम बनाया जाए। जहां बच्चे अपनी बात रख सकें। हर स्कूल में एक शिकायत पेटिका हो, जहां छात्र अपना शिकायती पत्र दे सकें। अभिभावक शिक्षक समिति नियमित रूप से इन शिकायतों की सुनवाई करेंगे.
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी बीएसए को निर्देश दिया है कि भोजन के दौरान, खेल के मैदान, पेयजल व प्रसाधन सुविधाओं में भी किसी के साथ कोई विभेद न किया जाए। बच्चों को उनके अधिकारों से परिचित कराते हुए उनके लिए तैयार मॉड्यूल का शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाए। सभी विद्यालय यह सुनिश्चित करेंगे कि हर माह शिक्षक-अभिभावक समिति की बैठक में इसके बारे में विस्तृत जानकारी देने को कहा है।
उन्होंने कहा है कि विद्यालय में पठन-पाठन से जुड़ी बच्चों व अभिभावकों की शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए जून में मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किए गए टोल फ्री नंबर 18008893277 का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। विद्यालय में नोटिस बोर्ड पर इस नंबर को चस्पा कराया जाए। इस पर आने वाले शिकायतों व सुझावों की नियमित मॉनीटरिंग भी की जाए।
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