लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला आरक्षण व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वाली भाजपा की सरकार की साजिशों को करारा जवाब है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पढ़ाई करने वालों को ‘लड़ाई’ करने पर मजबूर होना पड़ा। उन्होंने युवाओं को लेकर सरकार पर निशाना साधा।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा (एटीआरई) के तहत 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जून 2020 में जारी चयन सूची एवं 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को दरकिनार कर नए सिरे से सूची बनाने के आदेश दिए हैं। राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया,‘69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला आरक्षण व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वाली भाजपा सरकार की साजिशों को करारा जवाब है। यह पांच वर्षों से सर्दी, गर्मी, बरसात में सड़कों पर निरंतर संघर्ष कर रहे अमित मौर्या जैसे हज़ारों युवाओं की ही नहीं, सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले हर योद्धा की जीत है।’
उन्होंने आरोप लगाया कि आरक्षण छीनने की ‘जिद’ ने सैकड़ों निर्दोष अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में धकेल दिया है।
भाजपा युवाओं से खिलवाड़ कर रही
कांग्रेस नेता ने कहा,‘पांच साल ठोकरें खा कर बर्बाद होने के बाद जिनको नई सूची के ज़रिए नौकरी मिलेगी और जिनका नाम अब चयनित सूची से कट सकता है, दोनों की ही गुनहगार सिर्फ भाजपा है।’ राहुल गांधी ने कहा, भाजपा युवाओं के भविष्य के साथ लगातार खिलवाड़ कर रही है। पेपर लीक के कारण आज भी कई युवा नौकरी के लिए भटक रहे हैं। उन्होंने देश में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी के मुद्दे को उठाते हुए भाजपा की केंद्र सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया।