शाहजहांपुर। हाईकोर्ट के आदेश के बाद 69 हजार भर्ती में चयनित शिक्षकों में खलबली है, लेकिन सरकार के रुख पर उनके भरोसे की दीवार टिकी हुई है। शिक्षकों को उम्मीद है कि उनका भविष्य सुरक्षित रहेगा।
हाईकोर्ट ने 69 हजार भर्ती के मामले तीन माह के अंदर नए सिरे से पूरी पारदर्शिता के साथ चयन प्रक्रिया को पूरा करने का आदेश प्रदेश सरकार को दिया है। इससे जिले के उन तमाम अनारक्षित वर्ग के शिक्षक-शिक्षिकाओं में खलबली है, जोकि वर्तमान में नौकरी कर रहे हैं। उन्हें यह डर है कि दोबारा से चयन प्रक्रिया पूरी किए जाने से उनकी नौकरी छिन सकती है। ऐसे में तमाम परिवार बिखर जाएंगे।
जिले में 1448 सीटों पर शिक्षकों की भर्ती हुई थी। इसमें अनारक्षित, ओबीसी, एससी-एसटी सहित अन्य वर्गों के शिक्षकों को शामिल किया गया था। इनमें तमाम शिक्षकों का चयन साल 2019 की सहायक अध्यापक भर्ती के तहत हुआ था। इसके बाद से शिक्षक अलग-अलग स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। हाल ही में हाईकोर्ट ने काफी समय से चल रहे 69 हजार शिक्षक भर्ती आरक्षण मामले में नई सिरे से सूची जारी करने का आदेश दिया है।
—
हाईकोर्ट के आदेश से अनारक्षित वर्ग के शिक्षकों की नौकरी पर संकट है। सरकार से मांग है कि आरक्षित वर्ग को लाभ देने के लिए पहले से चयनित अनारक्षित शिक्षकों का कोई नुकसान न हो, उचित निर्णय लें।
मशरूफ अली, शिक्षक
—
शिक्षामित्र के रूप में शिक्षण कार्य शुरू किया था। इसके बाद 69000 भर्ती में शिक्षक बने। आरक्षण के हिसाब से अब नई सूची करने का आदेश दिया गया है। इससे नौकरी रहेगी या नहीं, चिंता बनी हुई है।
विनीत द्विवेदी, शिक्षक
—-
नौकरी मिलने के बाद से ही मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया। हाईकोर्ट ने सभी शिक्षकों के साथ न्याय करने की बात कहते हुई तीन महीने में नई सूची जारी करने का आदेश दिया है। सरकार के रुख से उम्मीद है कि सभी शिक्षकों के हित की बात होगी।
रत्नाकर दीक्षित, शिक्षक
—-
हाईकोर्ट ने अपने फैसले से जहां आरक्षित वर्ग को लाभ होगा, वहीं अनारक्षित वर्ग को नुकसान हो सकता है। बहुत से शिक्षकों को 31 मार्च 2025 में कार्यमुक्त किया जा सकता है। लो मेरिट वाले शिक्षकों को ज्यादा दिक्कतें होगी। सरकार से ही उम्मीद है।
शिव स्वरूप, शिक्षक