सिपाही भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों को पास कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया। आरोपी के खिलाफ मऊआइमा थाने में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजा गया। मऊआइमा के गढचंपा निवासी आरोपी दयाशंकर यादव पुत्र राजा राम को इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह, एसआई धर्मेंद्र सिंह तथा एसटीएफ की टीम ने सर्विलांस की सहायता तथा मुखबिर की सूचना पर रामफल इनारी चौराहे से मलखानपुर मार्ग की ओर जाते समय गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ के दौरान दयाशंकर यादव ने बताया कि वह अभ्यर्थियों से सिपाही भर्ती के लिए 12 लाख रुपये में पास कराने का ठेका लेता है। दो लाख एडवांस तथा परीक्षा के बाद दस लाख लेने की बात तय हुई है। अभ्यार्थियों से कहा जाता है कि जिस प्रश्न का उत्तर न आए उसको न लिखें। उसे हमारे लोग लिख देंगे। यही झूठ बोलकर अभ्यर्थियों को झांसे में लिया जाता है। एसटीएफ ने दयाशंकर के पास से एक मोबाइल, अभ्यर्थी नमो नारायण पांडेय के नाम का एक आधार कार्ड की छायाप्रति तथा 5000 रुपये बरामद किया। एसटीएफ इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह की तहरीर पर मऊआइमा थाने में भारतीय न्याय संहिता की धाराओं तथा उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों का निवारण अध्यादेश 2024 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने लिखापढ़ी कर उसे जेल भेज दिया।
इस बार सिपाही भर्ती परीक्षा को लेकर पुलिस और प्रशासन की कड़ी नजर है। परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न होने पाए इसके लिए पुलिस और साथ में एसटीएफ ने प्रदेश भर में जाल बिछा रखा है। एक दिन पूर्व सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान साल्वर को भी जौनपुर से पकड़ा गया था।
पहले भी जालसाजी में दर्ज है मुकदमा
मऊआइमा। दयाशंकर यादव इसके पूर्व नौकरी दिलवाने के नाम कई लोगों से ठगी कर चुका है। मऊआइमा के सराय सुल्तान निवासी राम कैलाश पुत्र शंकर लाल पटेल ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर तीन लाख रुपये ऐंठने तथा फर्जी नियुक्ति पत्र देने का आरोप लगाया था। पीड़ित की शिकायत पर वर्ष 2019 में मऊआइमा थाने में उस पर जालसाजी और पीड़ित से गाली-गलौज करने तथा धमकाने संबंधी धाराओं में मामला दर्ज हुआ था।