नए नियमों के अनुसार, बच्ची का खाता अब उसके प्राकृतिक माता-पिता या कानूनी अभिभावक ही संचालित कर सकते हैं। ऐसा नहीं होने पर खाता बंद किया जा सकता है। अक्सर, देखने में आता है कि ऐसे दादा-दादी या नाना-नानी, जो कानूनी अभिभावक नहीं हैं, वे भी अपनी पोती-नातिन की वित्तीय सुरक्षा के लिए उसके नाम से सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा देते हैं। ऐसे मामलों में खाते की संरक्षकता बच्चे के प्राकृतिक माता-पिता या कानूनी अभिभावक को हस्तांतरित कर दी जाएगी। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि दादा-दादी या नाना-नानी को कानूनी अभिभावक बनाया गया है तो वे खाता संचालित कर सकते हैं। अन्य स्थितियों में एक अक्तूबर से पहले खाता हस्तांतरित करना होगा।
इसके साथ ही अनियमित खातों को भी 1 अक्तूबर 2024 से बंद कर दिया जाएगा। इसे ऐसे समझें। यदि एक ही परिवार में दो बच्चियों के नाम से खाते खोले गए हैं लेकिन किसी कारणवश एक खाते में सालाना न्यूनतम राशि जमा नहीं हो पाती है तो वह अनियमित की श्रेणी में आ जाता है।
इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार से दो लड़कियों को खाता खोलने की अनुमति उनके अभिभावकों को दी गई है। विशेष परिस्थितियों में यानी अगर किसी परिवार में जुड़वां या एक साथ तीन बच्चियां पैदा हो गई हैं तो उन परिवारों के लोग दो से अधिक बेटियों के खाते खुलवा सकते हैं। जन्म से लेकर 10 वर्ष की आयु से पहले खाता खुलवाया जा सकता है।