अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जूनियर बेसिक स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए बीएड डिग्री धारकों को अमान्य घोषित करने के मामले में विचार करते हुए माना कि मौजूदा मुद्दा एक कानूनी प्रश्न है, जिसकी भली प्रकार जांच होने के बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकता है।

इस संदर्भ में विपक्षियों से एक सप्ताह के भीतर हलफनामा मांगते हुए एकल न्यायाधीश के आक्षेपित आदेश दिनांक 5.8.2024 को | स्थगित रखने का निर्देश दिया है।
उक्त आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने उप्र बेसिक शिक्षा बोर्ड और दो अन्य की विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए पारित किया। दरअसल बोर्ड के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि विपक्षी बीएड डिग्री धारक हैं,
जो सुप्रीम कोर्ट के 8 अप्रैल 2024 के आदेशानुसार जूनियर बेसिक स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होंगे।
यह निर्णय उन सभी मामलों को शासित करेगा, जो किसी भी राज्य या संघ राज्य क्षेत्र में विभिन्न न्यायिक मंचों पर लंबित हैं। ऐसी स्थिति में विपक्षियों को नियुक्ति पत्र जारी करने वाले एकल न्यायाधीश द्वारा दिए गए आदेश को रद किया जाना चाहिए। हालांकि उक्त आक्षेपित आदेश को कोर्ट ने फिलहाल स्थगित कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई आगामी 27 सितंबर को सुनिश्चित की गई है।
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