गजरौला (अमरोहा), । सुल्तानठेर में संचालित कंपोजिट स्कूल के प्रधानाध्यापक संजीव कुमार ने अपने ऑफिस में फांसी लगाकर जान दे दी। आत्महत्या से पहले सोशल मीडिया पर वायरल किए गए सुसाइड नोट में उन्होंने स्कूल में तैनात शिक्षक दंपति और बीएसए पर उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इससे शिक्षा विभाग ही नहीं आला पुलिस-प्रशासनिक अफसरों तक में खलबली मच गई। देर शाम मृतक के बेटे अनुज सिंह की तहरीर पर बीएसए डॉ. मोनिका, सहायक अध्यापक राघवेंद्र सिंह व उसकी शिक्षिका पत्नी सरिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। डीएम ने जांच को तीन सदस्यीय समिति भी गठित कर दी है।
- प्रदेश में मानदेय/ संविदा/ आउटसोर्सिंग आदि पर कार्यरत कार्मिकों का विवरण उपलब्ध कराने के संबंध में आदेश जारी
- पदोन्नति में टीईटी मामले पर हिमांशु राणा ने कोर्ट में मजबूती से उठाई आवाज, सरकार को मिला नोटिस, जानिए क्या कहते हैं हिमांशु ✍️
- समायोजन का गुणा गणित ही बेकार कर देगा ये contempt देखते जाइए बस C, ontempt Petition में अगली तारीख़ Nov/14/2024
- शिक्षा सेवा चयन आयोग की बैठक में भर्ती परीक्षाओं पर विमर्श
- आवश्यक सूचना👉 जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा 9वीं की प्रवेश प्रक्रिया शुरू, देखें पाठ्यक्रम, आवेदन तिथि व परीक्षा तारीख
शहर के मोहल्ला सैफी नगर निवासी 50 वर्षीय संजीव कुमार पुत्र रुमाल सिंह उर्फ बत्तू क्षेत्र के गांव सुल्तानठेर में संचालित कंपोजिट (संविलियन) स्कूल के प्रधानाध्यापक पद पर तैनात थे। मंगलवार सुबह वह समय से पहले स्कूल पहुंचे और ऑफिस को अंदर से बंद कर लिया। उन्होंने छत के कुंडे में रस्सी से फंदा बनाया और फांसी लगा ली। जब स्कूल पहुंचे सहायक अध्यापक प्रदीप कुमार ने ऑफिस खोलने की कोशिश की तो दरवाजा नहीं खुला। खिड़की से अंदर देखने पर संजीव कुमार का शव फांसी के फंदे पर लटकता दिखा। कुछ ही देर में स्कूल का अन्य स्टाफ और ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए। खबर मिलते ही पहुंची पुलिस टीम ऑफिस की खिड़की काटकर अंदर पहुंची और दरवाजा खोला। शव को फांसी के फंदे से उतारा गया। पुलिस व फोरेंसिक टीम ने जांच पड़ताल शुरू की। आत्महत्या से पहले प्रधानाध्यापक ने 18 पन्नों का सुसाइड नोट भी लिखा और इसका पहला पन्ना सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। सीओ श्वेताभ भास्कर ने बताया कि जांच की जा रही है। सुसाइड नोट अहम हिस्सा है।
पहले भी कर चुके थे आत्महत्या की कोशिश
गजरौला। बताया जा रहा कि प्रधानाध्यापक किसी बात को लेकर तनाव में रहते थे। वह कुछ समय से स्टाफ के साथ उनकी बोलचाल भी कम ही होती थी। लोगों के मुताबिक प्रधानाध्यापक पहले भी आत्महत्या करने की कोशिश कर चुके थे। हालांकि यह बात काफी पुरानी है। प्रधानाध्यपक रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या करने के लिए पहुंचे थे। अपने एक रिश्तेदार को वहां से आत्महत्या करने के बारे में फोन पर उन्होंने बताया था। तब भी हड़कंप मच गया था। रिश्तेदार ने प्रधानाध्यापक के घर फोन कर घटना की जानकारी दी थी, जिसके बाद उनकी तलाश की तो वह एक गांव में मिले थे।