ज्ञानपुर (भदोही): परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के लिए अवकाश लेने के अब परेशान नहीं होना होगा। उन्हें चिकित्सा प्रमाण पंत्र के लिए न तो सीएमओ कार्यालय का चक्कर लगाना होगा न ही किसी राजकीय अस्पताल का।
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साथ ही स्टांप पेपर पर शपथ पत्र की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी गई है। शासन ने शिक्षक व कर्मचारियों के लिए अवकाश लेने की प्रक्रिया को आसान कर दिया है। इस संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी जिला बेसिक शिक्षाधिकारियों को पत्र भेज कर निर्देश दिया है।
परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर या • किसी भी जरूरत पर अवकाश लिए चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत चिकित्सकों में रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर को शामिल नहीं किया गया था। इससे शिक्षक-कर्मियों को अधिकृत चिकित्सकों की तलाश के लिए सीएमओ कार्यालय, जिला स्तरीय अस्पतालों व. सामुदायिक स्वास्थ्य
केंद्रों का चक्कर लगाना पड़ता था। इससे दिक्कत आ रही थी। अब शासन ने चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत चिकित्सकों के निर्धारण में सभी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर को शामिल कर दिया है। भदोही के जिला बेसिक ‘शिक्षाधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि शिक्षक व गैर शिक्षण कर्मचारियों के लिए अवकाश को
स्वीकृत करने को लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा का निर्देश आया है। इसके सापेक्ष कार्रवाई के लिए खंड शिक्षाधिकारियों से लेकर प्रधानाध्यापकों तक को निर्देश जारी कर दिया गया है।
और क्या हुआ बदलाव
पूर्व में बाल्यकाल अवकाश में एक बार में स्वीकृति के लिए दिनों की सीमा निर्धारित नहीं थी, जबकि अब बाल्यकाल अवकाश एक बार में सामान्यतया अधिकतम 30 दिनों के लिए ही मिलेगा। निर्वाचन, आपदा, जनगणना, बोर्ड परीक्षा की अवधि में उससे पांच दिन पूर्व की तिथियों में बाल्य देखभाल अवकाश. खंड शिक्षाधिकारी व जिला बेसिक शिक्षाधिकारी की ओर से सम्यक विचार के बाद निस्तारित किया जाएगा। वर्तमान में गैर शिक्षण कर्मचारियों के प्रतिकर अवकाश स्वीकृत किये जा रहे हैं। जबकि, बदलाव में बताया गया है कि विद्यालयों में कार्यरत गैर शिक्षण कर्मचारियों को निबंधित अवकाश, प्रतिकर अवकाश व अध्ययन अवकाश अनुमन्य नहीं है।