अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार जी के दिनांक 4 अक्टूबर 2019 के आदेश के अनुसार👇👇👇
👉 *बिंदु संख्या 2*-शासनादेश दिनांक 24 अप्रैल, 2010 के अनुसार रसोइये का चयन सम्बन्धित विद्यालय में अध्ययनरत अभिभाविकाओं (माता, दादी, बहन, चाची, ताई, बुआ) में से किए जाने का प्राविधान है। अतः संविलियन के उपरान्त शासनादेश द्वारा रसोइयों की अनुमन्य संख्या से अधिक रसोइया कार्यरत होने की स्थिति में सर्वप्रथम उस अतिरिक्त रसोइया को कार्य से विरत किया जाएगा, जिनका पाल्य विद्यालय में अध्ययनरत नहीं है।
👉 बिन्दु संख्या-2 के अनुसार कार्यवाही किए जाने की स्थिति के उपरान्त भी यदि अतिरिक्त रसोइया कार्यरत हैं, तो उक्त स्थिति में सबसे बाद में चयनित रसोइया (Last in First Out) को कार्य से विरत किया जाएगा।
👉 ऐसी स्थिति में जहाँ एक से अधिक रसोइया एक साथ अथवा एक सत्र में चयनित की गयी हों और उनमें से किसी एक को कार्य से विरत किया जाना हो, तो उस रसोइया को कार्य से विरत किया जाएगा, जिसकी आयु कम होगी।
👉 शासनादेश दिनांक 24 अप्रैल, 2010 में वर्णित है कि अभ्यर्थियों का चयन करते समय विधवा एवं परित्यक्ता को प्राथमिकता दी जाएगी एवं विधवा एवं परित्यक्ता दोनों के आवेदन करने की स्थिति में विधवा को प्राथमिकता दी जाएगी। अतः कार्यरत रसोइया, जो विधवा अथवा परित्यक्ता हैं, यथा सम्भव कार्य से विरत न किया जाय।
✍️ निर्भय सिंह,लखनऊ