लखनऊ : स्कूलों में आयोजित होने वाली निपुण मूल्यांकन परीक्षा में सख्ती की जाएगी। कक्षा एक से कक्षा आठ तक के विद्यार्थी जिस ओएमआर शीट पर परीक्षा देंगे उसे अब दो महीने तक सुरक्षित रखना होगा। विद्यालयों के औचक निरीक्षण के दौरान इसकी जांच की जाएगी। शिक्षाधिकारी ओएमआर शीट के अनुसार छात्रों से सवाल-जवाब कर सकते हैं। गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
- नवविकसित मॉड्यूल को लागू किए जाने के संबंध में
- समग्र शिक्षा अन्तर्गत निर्माण कार्यो के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश।
- दिनांक 30जून/31 दिसम्बर को सेवा निवृत्त होने वाले उ0प्र0 राज्य सरकार के कार्मिकों की सेवानिवृत्त की तिथि (30 जून/31 दिसम्बर) के ठीक अगले दिन अर्थात 01 जुलाई/01 जनवरी को वेतनवृद्धि नियत होने पर ऐसे कार्मिकों की पेंशन की गणना हेतु एक नोशनल वेतनवृद्धि जोड़ा जाना।
- शैक्षिक सत्र 2024-25 में सेवानिवृत्त होने वाले अध्यापकों के सेवानिवृत्तिक देयकों के भुगतान से सम्बंधित सूचना गूगल शीट पर फीड कराने एवं हार्ड कॉपी उपलब्ध कराये जाने के सम्बंध में।
- जनपद के भीतर ही नवीन विद्यालय संविदा नवीनीकरण हेतु अंशकालिक अनुदेशकों का द्वितीय चरण में NIC लखनऊ द्वारा जारी सूची के सत्यापन /परीक्षण के सम्बन्ध में
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से इसके लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं। विद्यार्थियों को भाषा व गणित में दक्ष बनाने के लिए निपुण भारत मिशन चलाया जा रहा है। स्कूलों में 18 नवंबर से 23 नवंबर तक परीक्षाएं कराए जाने के लिए समय सारिणी घोषित की जा चुकी है। बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर ओएमआर शीट पर गोले भरकर विद्यार्थी देंगे। परीक्षा के बाद ओएमआर शीट को परख एप पर अपलोड किया जाएगा। वहीं प्रत्येक छात्र की ओएमआर शीट को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं। परीक्षा में नकल न हो इसके लिए सभी जिलों में बेसिक शिक्षा अधिकारी उड़ाका दस्ता गठित करेंगे। सभी जिलों में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) प्रश्नपत्र तैयार करेंगे। परीक्षा शुरू होने से 15 मिनट पूर्व प्रधानाध्यापक प्रश्नपत्र के सीलबंद लिफाफे खोलेंगे और विद्यार्थियों को वितरित करेंगे। केंद्र सरकार ने वर्ष
2026-27 तक विद्यार्थियों को गणित व भाषा में दक्ष बनाकर विद्यालयों को निपुण बनाने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश में इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सभी ब्लाक में जिन पांच-पांच शिक्षकों को एकेडमिक रिसोर्स पर्सन बनाया गया है, उनमें प्रत्येक को 10-10 स्कूलों को निपुण बनाने का लक्ष्य दिया गया है।