उन्नाव। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने शिक्षकों की 16 सूत्रीय मांगों को लेकर 22 अक्तूबर को माध्यमिक शिक्षा निदेशक कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने की बात कही है। इसके बाद भी समस्याएं हल नहीं हुईं तो दो दिसंबर से शिक्षण कार्य बाधित करेंगे। जेल भरो आंदोलन का भी ऐलान किया।
माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों को जागरूक और एकजुट करने के लिए पदाधिकारियों के साथ भ्रमण पर निकले संघ के प्रदेशीय मंत्री रमाशंकर मिश्र मुन्ना ने बताया कि शिक्षकों की मांगों पर सरकार कोई सकारात्मक निर्णय नहीं ले रही है। इससे शिक्षकों में असंतोष है। शिक्षकों को प्राप्त सेवा सुरक्षा पर अमल करने,
पदोन्नति पर रोक हटाने, प्रधानाचार्य को कार्यकारी पद का वेतन देने, तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, वित्तविहीन शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय देने और केंद्रीय कर्मचारियों की भांति आवासीय भत्ता देने की मांग काफी समय से लंबित है।
- परिषदीय विद्यालयों में बीमारियों से बचाव की सीख भी देंगे शिक्षक
- जिले के परिषदीय स्कूलों में विशेष टीएलएम से पढ़ेंगे दिव्यांग बच्चे
- 1140 माध्यमिक विद्यालयों के 60 हजार विद्यार्थी होंगे प्रवीण
- शिक्षकों व प्रधानाचार्यों की नियुक्ति न होने पर मुख्यमंत्री योगी सख्त
- कैलेंडर में बार-बार संशोधन | से घनचक्कर बने अभ्यर्थी
सरकार से आठवें वेतन
आयोग के गठन की अधिसूचना जारी करने की भी मांग की जा रही है। उन्होंने महात्मा गांधी इंटर कॉलेज सफीपुर, डीसीकेएम इंटर कॉलेज गंजमुरादाबाद, सीपीटीएन इंटर कॉलेज ऊगू और सुभाष इंटर कॉलेज बांगरमऊ का दौरा कर आंदोलन में शामिल होने के लिए शिक्षकों का आह्वान किया। उनके साथ जंग बहादुर सिंह, प्रशांत पाल, बीबी सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।