प्रयागराज,। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सम्मिलित राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा 2024 और आरओ/एआरओ 2023 प्रारंभिक परीक्षा दो दिन होने पर नॉर्मलाइजेशन को लेकर प्रतियोगी छात्र आशंकित हैं। हकीकत यह है कि एक दिन से अधिक परीक्षा खिंचने पर दूसरी भर्तियों पर भी असर पड़ेगा। खंड शिक्षा अधिकारी जैसी भर्ती जिसमें लाखों अभ्यर्थी आवेदन करते हैं, में नॉर्मलाइजेशन से नुकसान हो सकता है। वैसे आयोग ने यह साफ कर दिया है कि दो दिन परीक्षा कराने पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है लेकिन छात्रों अभी पूरी तरह से निश्चिंत नहीं हो सके हैं।
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छात्रों के एक गुट का मानना है कि बड़ी संख्या में मेधावियों के प्रभावित होने पर वैधानिक समस्या उत्पन्न होगी और इस वजह से छात्र न्यायालय की शरण में जाने के लिए मजबूर होंगे। छात्रों का कहना हैकि परीक्षा की अलग-अलग पालियों के प्रश्नपत्रों में प्रश्नों की प्रकृति (सरल व कठिन) के पहचान की कोई पद्धति नहीं है और इस अंतर को नॉर्मलाइजेशन से भरा नहीं जा सकता है। नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण व विवादित रही है। पूर्व में भी इसने विभिन्न परीक्षा परिणामों में व्यापक विसंगति उत्पन्न की है।
स्केलिंग प्रक्रिया की सीबीआई जांच लंबित
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में पूर्व में स्केलिंग प्रक्रिया भ्रष्टाचार व विधिक विवाद का प्रमुख कारण रहा है। इसकी सीबीआई जांच अभी विचाराधीन है। छात्रों की मानें तो इसी प्रकार नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया भी भ्रष्टाचार के लिए लूपहोल बनेगी व गलत परम्परा को जन्म देगी। लोक सेवा आयोग ने एक बार स्केलिंग की प्रक्रिया का उन्मूलन कर दिया है तो पुन उसी को लागू करना कहीं से भी उचित व तर्कसंगत नहीं है।