इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पारिवारिक विवाद में हुए केस के कारण चयनित अभ्यर्थी को पुलिस की नौकरी देने से इन्कार करने संबंधी डीसीपी वाराणसी का आदेश रद कर दिया है और पुनर्विचार कर नया आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने सिद्धार्थ सिंह की याचिका पर दिया है।
याची वर्ष 2013 की पुलिस भर्ती में सफल हुआ था। इसके बाद उसे वैवाहिक विवाद में उसकी भाभी की तरफ से दर्ज कराए गए मुकदमे के कारण पुलिस कांस्टेबल की नौकरी से वंचित कर दिया गया, जबकि वह बरी हो गया था।

- बेसिक शिक्षा परिषद से सम्बन्धित ऑनलाइन पोर्टल पर संचालित मॉड्यूल के सम्बन्ध में समीक्षा एवं सुझाव के सम्बन्ध में।
- अंतर्जनपदीय सामान्य ट्रांसफर की आधिकारिक सूची अभी तक जारी नहीं हुई है। जो सूची वायरल हो रही है ,वह आधिकारिक नहीं है अभी , देखें यह सूची
- खण्ड शिक्षा अधिकारियों हेतु 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के सम्बन्ध में।
- बेसिक शिक्षा परिषद् के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षिका के अन्तर्जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण के सम्बन्ध में जनपद बरेली में कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति विषयक सूचना प्रेषण विषयक ।
- शैक्षिक सत्र 2025-26 में निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा तथा स्टेशनरी क्रय से सम्बन्धित धनराशि डी०बी०टी० के माध्यम से सीधे छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों के खाते में हस्तांतरित कराये जाने की अद्यावधिक प्रगति तथा अन्य महत्वपूर्ण प्रकरणों के सम्बन्ध में वर्चुअल बैठक।
याची ने नौकरी से वंचित किए जाने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने कहा, समाज में झूठे निहितार्थ के कारण आपराधिक
केस दर्ज कराए जा रहे हैं। ऐसे मामले के आधार पर किसी व्यक्ति को साफ-सुथरी छवि, कड़ी मेहनत से पाए सार्वजनिक रोजगार से वंचित करना उचित नहीं है। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए डीसीपी वाराणसी के तीन फरवरी 2023 के आदेश को रद कर दिया। तीन सप्ताह के भीतर नया आदेश पारित करने के लिए पुलिस उपायुक्त को परमादेश जारी किया गया है।