नई दिल्ली, । देश में घर के लिए कर्ज लेने वाले ग्राहकों की संख्या में इस साल भारी गिरावट आई है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2023 में आवास ऋण लेने वालों की संख्या में 40.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी, जो कि अगस्त 2024 में महज 13.1 फीसदी रह गई है। इस गिरावट का मुख्य कारण ऊंची ब्याज दर और घरों की बढ़ती कीमतों को बताया जा रहा है।
गौरतलब है कि होम लोन सहित सभी तरह के कर्ज के ब्याज के लिए ज्यादातर बैंक बाहरी बेंचमार्क के रूप में रेपो रेट का इस्तेमाल करते हैं। रेपो रेट, वह ब्याज दर है, जिस पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को लोन देता है। रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंकों की ब्याज दर बढ़ेगी और फिर बैंक भी अपने ग्राहकों की ब्याज दर बढ़ाएंगे।
आरबीआई ने मई 2022 के बाद से रेपो रेट को कई बार बढ़ाया। इसके चलते नीतिगत दर 2.5 फीसदी बढ़कर फरवरी 2023 में 6.5 फीसदी पर पहुंच गई। इसके चलते होम लोन की ब्याज दर भी 6.5 फीसदी से बढ़कर नौ फीसदी तक पहुंच गई है। मौजूदा वक्त में कई बैंक 8.5 से लेकर 9.5 फीसदी तक ब्याज वसूल रहे हैं।
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घरों की कीमतों में भी हो रही बेतहाशा बढ़ोतरी
होम लोन लेने में आई भारी गिरावट का एक कारण घरों की कीमतों को बढ़ोतरी को भी माना जा रहा है। बीते पांच साल में ही देश के शीर्ष-10 शहरों में घरों की कीमतों में 88 फीसदी तक का उछाल आया है। वहीं, चालू वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में दिल्ली-एनसीआर में घरों की कीमतें सालाना आधार पर 29 प्रतिशत बढ़ी हैं। दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की औसत कीमत 7,200 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 5,570 रुपये प्रति वर्ग फुट थी। इस तेजी की वजह सीमेंट,स्टील समेत सभी तरह की निर्माण सामग्री के भाव बढ़ना है।
फरवरी 2023 से राहत नहीं मिल रही लोगों को
विशेषज्ञों का कहना है कि देश में ब्याज दरों में तेज बढ़त के बाद लंबे समय से स्थिरता बनी हुई है। महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए आरबीआई ने फरवरी 2023 से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा है। यानी होम लोन लेने वालों को लंबे वक्त से किसी तरह की राहत नहीं मिली है। हालांकि, बीते दो माह से महंगाई दर आरबीआई के चार फीसदी के तय दायरे में बनी हुई है और विशेषज्ञ उम्मीद जता रहे हैं कि इस साल दिसंबर से या अगले साल फरवरी में रेपो दर में कटौती का सिलसिला शुरू हो सकता है। इससे सभी तरह के कर्ज की ब्याज दरों में कटौती होने की संभावना है।