उत्तर प्रदेश के गोंडा में में शातिर जालसाजों ने ग्राम विकास अधिकारी की नौकरी का झांसा देकर पांच बेरोजगार युवकों से 22 लाख रुपये ऐंठ लिए। इसके बाद आरोपी नौकरी दिला पाए और न ही पैसा वापस कर रहे थे। वहीं पीड़ितों ने पुलिस समेत अधिकारियों से शिकायत की, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने पिता-पुत्र समेत तीन के खिलाफ केस दर्ज किया है।

- बेसिक शिक्षा परिषद से सम्बन्धित ऑनलाइन पोर्टल पर संचालित मॉड्यूल के सम्बन्ध में समीक्षा एवं सुझाव के सम्बन्ध में।
- अंतर्जनपदीय सामान्य ट्रांसफर की आधिकारिक सूची अभी तक जारी नहीं हुई है। जो सूची वायरल हो रही है ,वह आधिकारिक नहीं है अभी , देखें यह सूची
- खण्ड शिक्षा अधिकारियों हेतु 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के सम्बन्ध में।
- बेसिक शिक्षा परिषद् के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षिका के अन्तर्जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण के सम्बन्ध में जनपद बरेली में कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति विषयक सूचना प्रेषण विषयक ।
- शैक्षिक सत्र 2025-26 में निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा तथा स्टेशनरी क्रय से सम्बन्धित धनराशि डी०बी०टी० के माध्यम से सीधे छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों के खाते में हस्तांतरित कराये जाने की अद्यावधिक प्रगति तथा अन्य महत्वपूर्ण प्रकरणों के सम्बन्ध में वर्चुअल बैठक।
मामला शहर कोतवाली इलाके की है। पीड़ित विष्णु प्रताप सिंह ने पुलिस को शिकायत की। बताया कि वह इमलिया गुरूदयाल गांव का रहने वाला है।वर्ष 2018-19 में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। इसी बीच उसकी मुलाकात देहात कोतवाली क्षेत्र के खरगूचांदपुर निवासी मुक्कू पांडेय से हुई।
इस तरह झांसे में लिया
मुक्कू पांडेय ने ग्राम विकास अधिकारी की नौकरी दिलाने के लिए सचिवालय में पहुंच होने का झांसा दिया। उसने खरगूचांदपुर निवासी ज्वाला प्रसाद व उनके बेटों पिंटू तिवारी व जितेंद्र तिवारी से मुलाकात कराई। इस दौरान आरोपियों ने सचिवालय का अधिकारी बताकर किसी से फोन पर बात भी कराई। ऐसे में पीड़ित आरोपियों की बातों में आ गए।