गोरखपुर। परिषदीय स्कूलों में वार्षिक परीक्षा आने तक बच्चों की संख्या कम हो जाती है। परीक्षा के डर से बीच सत्र में बच्चे स्कूल जाना बंद कर देते हैं। स्कूल छोड़ने पर उनकी कोई खबर नहीं ली जाती है। इसे लेकर बेसिक शिक्षा विभाग ने नया नियम बनाया है। अब तीन दिन लगातार अनुपस्थित रहने वाले बच्चाें को चिह्नित कर स्कूल उनके घर बुलावा टोली भेजेगा। इसके बाद छह दिन तक लगातार स्कूल नहीं आने पर प्रधानाचार्य खुद बच्चाें के घर जाकर उनकी समस्या जानेंगे और उसे सुलझाने का प्रयास करेंगे।
- नवंबर एवं दिसंबर, 2024 में होने वाले आकलन
- कक्षा 6-8 हेतु मुख्य बिन्दु NAT आकलन Hindi, English, Maths, Selence एवं Social Science विषयों का किया जायेगा
- कक्षा 4-5 हेतु मुख्य बिन्दु- NAT आकलन Hindi, English, Maths एवं EVS विषयों ‘का किया जायेगा
- संशोधित निपुण लक्ष्य✅ शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा National Curriculum Framework के परिप्रेक्ष्य में संशोधित निपुण लक्ष्य जारी किए गए हैं
- OPS विकल्प पत्र : विशिष्ट बीटीसी 2004 के अलावा सभी बैच हेतु bsa मेरठ द्वारा सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से मार्गदर्शन मांगा गया है संघ के हस्तक्षेप के बाद
बता दे कि बीते सत्र 2023-24 में जनवरी की रिपोर्ट के अनुसार जिले के परिषदीय विद्यालयाें में कुल 296,118 बच्चों का नाम दर्ज था जिसमें से 264575 बच्चे वार्षिक परीक्षा में शामिल हुए। शेष 31,543 बच्चों ने परीक्षा के पहले स्कूल छोड़ दी। इसके बाद इस सत्र में बच्चों का नामांकन बढ़ाने और उनकी संख्या परीक्षा तक स्थिर रखने के लिए विभाग ने नया कदम उठाया है। महानिदेशक स्कूल एवं शिक्षा कंचन वर्मा ने आदेश को पूरी तरह से लागू कर दिया है। विभाग बच्चों की कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति को लेकर भी गंभीर है।
शासन के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। बच्चों की पढ़ाई बीच में छूट जाने से उनकी पढ़ाई का नुकसान होता है। ऐसे में बुलावा टोली के जाने से बच्चों एवं अभिभावकों में पढ़ाई के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। बीच में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में भी कमी आएगी। इसे पूरा करने के लिए बीईओ सहित प्रधानाचार्य को निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
– रमेंद्र कुमार सिंह, बीएसए