नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने बुधवार को महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि ‘लाइट मोटर व्हीकल (एलएमवी) ड्राइविंग लाइसेंस वाला व्यक्ति 7,500 किलो से कम वजन वाले वाणिज्यिक वाहन चला सकता है। इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम (एमवी एक्ट) के तहत अलग से विशेष अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।
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मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, पी. एस. नरसिम्हा, पंकज मिथल और मनोज मिश्रा की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला दिया। हालांकि संविधान पीठ ने फैसले में साफ कर दिया कि विशेष पात्रता की आवश्यकता, उन वाहनों को चलाने के लिए लागू रहेगी, जिनमें खतरनाक सामानों की आवाजाही होती है। संविधान पीठ ने कहा कि इस फैसले के बाद बीमा कंपनियां सड़क हादसों में शामिल वाहन चालकों के लाइसेंस के आधार पर दावों को खारिज कर मुआवजा देने से इनकार नहीं कर सकेंगी। संविधान पीठ ने बीमा कंपनियों की ओर से दाखिल 76 याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह फैसला दिया है।
परिवहन वाहन की श्रेणी में आने वाले वाहन एमवी एक्ट की धारा 2(47) में परिवहन वाहन की परिभाषा के तहत आने वाले वाहनों में मिनी बस, मिनी ट्रक (माल ढोने वाले वाहन) या निजी सेवा वाले वाहन शामिल हैं, जिनका वजन 7500 किलोग्राम से कम हो।