, लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों का सोशल आडिट कराया जाएगा। पांच विश्वविद्यालयों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। विद्यालयों में छात्रों की 80 प्रतिशत उपस्थिति है या नहीं, विद्यार्थियों की स्कूल तक पहुंच, बच्चों का दाखिला उपयुक्त आयु में हुआ, कितने विद्यार्थियों ने बीच में पढ़ाई छोड़ दी और स्कूलों में उपलब्ध संसाधनों का लेखा जोखा इसमें लिया जाएगा। सोशल आडिट की रिपोर्ट के आधार पर नई योजनाएं बनाई जाएंगी और चल रहीं योजनाओं में जरूरत के अनुसार बदलाव होगा।
- ठंड बढ़ने के साथ परिषदीय स्कूलों के बच्चों को स्वेटर और जूते के लिए धनराशि का इंतजार
- परिषदीय शिक्षकों ने गृह जनपद में तैनाती लिए दिया धरना
- Basic Shiksha: 2018 से फंसी थी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया: अब मा० शिक्षकों की तैनाती का रास्ता साफ, नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश
- Shikshamitra news : शिक्षामित्रों के केस की आज हाईकोर्ट में हुई सुनवाई! अब 19 नवंबर को होगी अगली सुनवाई!
- प्रदेश के विभिन्न भर्ती आयोग / चयन बोर्ड के चयन प्रक्रिया को पारदर्शी एवं शुचितापूर्ण ढंग से कराए जाने संबंधित दिशा-निर्देश दिए जाने के संबंध में।
प्रदेश में कुल 133601 परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल हैं। इनमें से 20 प्रतिशत विद्यालयों का नमूने के तौर पर जल्द सोशल आडिट कर स्थिति का आंकलन किया जाएगा। लखनऊ विश्वविद्यालय को 20 जिलों के 6703 स्कूलों, इंटीग्रल विश्वविद्यालय लखनऊ
विद्यार्थियों की उपस्थिति व मिल रहीं सुविधाओं का करेंगे सर्वे, रिपोर्ट के आधार पर तैयार होगी नई
कार्ययोजना, तैयारियां शुरू
को 14 जिलों के 6436 विद्यालयों, दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर को 16 जिलों के 5998 स्कूलों, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर को सात जिलों के 2892 स्कूलों और स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ को 18 जिलों के 4703 स्कूलों का सोशल आडिट करने की जिम्मेदारी दी गई है। सभी विश्वविद्यालयों को उनके आसपास के जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जिन पांच विश्वविद्यालयों से समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया गया है, उनके नामित प्रतिनिधियों को सोशल आडिट में पूरी मदद करें। शिक्षा के छात्रा का लिए