प्रयागराज। केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने याची को एक साल का नोशनल इंक्रीमेंट (एक जुलाई को मिलने वाले वेतन वृद्धि) देने का आदेश दिया है। न्यायालय ने कहा कि सिर्फ एक साल का ही एरियर देय आदेश न्यायमूर्ति राजीव जोशी ने फर्रुखाबाद निवासी सत्यराम व अलीगढ़ निवासी सतीश बाबू के आवेदन पर दिया।
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- गैर वेतन के भुगतान के सम्बन्ध में
- पी०एम० पोषण (मध्यान्ह भोजन) योजना में कार्यरत रसोइयों का प्रशिक्षण कराये जाने के सम्बन्ध में।
- शैक्षिक प्रशासन में नवाचार कार्यक्रमों के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए नामांकन के सम्बन्ध में।
30 जून 2009 को फर्रुखाबाद के सत्यप्रकाश और 30 जून 2020 को अलीगढ़ के सतीश बाबू रेलवे से रेलवे से सेवानिवृत्त हुए। इस दौरान दोनों सेवानिवृत्त कर्मियों को एक जुलाई को मिलने वाले वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया गया। संबंधित अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन देकर वेतन वृद्धि व व्याज सहित बकाया राशि भुगतान करने की गुहार लगाई। इस पर कोई विचार न किए जाने पर केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में वाद दाखिल किया। आवेदक के वकील शशिधर द्विवेदी ने उच्च न्यायायल, उच्चतम न्यायालय व ट्रिब्यूनल के आदेशों का हवाला देते दलील दी कि आवेदक वेतन वृद्धि व ब्याज सहित बकाया राशि के हकदार हैं। वहीं, केंद्र सरकार के वकील चक्रपाणि वात्स्यायन ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश जारी किया है, जिसके तहत एक साल की वेतन वृद्धि दी जाएगी