बंगलूरू। कर्नाटक हाईकोर्ट ने अहम फैसले में कहा कि बेटियों का भरण-पोषण और उन्हें उत्कृष्ट शिक्षा दिलाना पिता की कानूनी बाध्यता है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि वे उसकी तलाकशुदा पत्नी के साथ रह रही हैं। इसके साथ, हाईकोर्ट ने नाबालिग समेत दो बेटियों के भरण-पोषण के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।
- Primary ka master: शिक्षक से परेशान छात्रा ने फंदा लगाकर दी जान
- RO / ARO परीक्षा स्थगित कर दी गई है…. विज्ञप्ति हुई जारी
- PCS EXAM: पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में होगी आयोजित , विज्ञप्ति जारी
- प्राथमिक के हेड को जूनियर का सहायक बनाये जाने के मामले आज हुईं सुनवाई का सार✍️ हिमांशु
- प्रतिकार अवकाश के सम्बन्ध में चुनाव आयोग का – पत्र हुआ जारी , देखें
जस्टिस अशोक एस किनागी ने फैसले में कहा कि ट्रायल कोर्ट ने पिता की आय को देखते हुए शादी होने तक हर बेटी को हर माह छह हजार रुपये की रकम देने का जो फैसला सुनाया है, उसमें त्रुटि नहीं है। एजेंसी