बंगलूरू। कर्नाटक हाईकोर्ट ने अहम फैसले में कहा कि बेटियों का भरण-पोषण और उन्हें उत्कृष्ट शिक्षा दिलाना पिता की कानूनी बाध्यता है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि वे उसकी तलाकशुदा पत्नी के साथ रह रही हैं। इसके साथ, हाईकोर्ट ने नाबालिग समेत दो बेटियों के भरण-पोषण के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।

- अंत:जनपदीय/अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण
- Gold Price: तो क्या 1.30 लाख रुपये हो जाएगा सोना? ट्रेड वॉर और मंदी की आशंका से बढ़ेगी कीमत
- परिषदीय उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों (कक्षा 6-8) में ग्रीष्मकालीन शिविर (समर कैम्प) आयोजित किये जाने के सम्बन्ध में विस्तृत आदेश जारी
- मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान, आगामी 3 दिनों तक इन जिलों में आंधी व बारिश का अलर्ट
- आज पदोन्नति में टीईटी की अनिवार्यता मामले पर राहुल पाण्डेय की SPLAD 371/2024 की सुनवाई हुई, पढ़ें आज का सार
जस्टिस अशोक एस किनागी ने फैसले में कहा कि ट्रायल कोर्ट ने पिता की आय को देखते हुए शादी होने तक हर बेटी को हर माह छह हजार रुपये की रकम देने का जो फैसला सुनाया है, उसमें त्रुटि नहीं है। एजेंसी