प्रयागराज, । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य कृषि सेवा भर्ती 2024 की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर आयोग को याची अभ्यर्थियों के प्राप्तांक पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही याचियों से आपत्ति दाखिल करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने देवेश वत्स व दो अन्य की याचिका पर अधिवक्ता सिद्धार्थ खरे व अनुराग कुमार ओझा ओर आयोग के अधिवक्ता एमएन सिंह को सुनकर दिया है।
- ठंड बढ़ने के साथ परिषदीय स्कूलों के बच्चों को स्वेटर और जूते के लिए धनराशि का इंतजार
- परिषदीय शिक्षकों ने गृह जनपद में तैनाती लिए दिया धरना
- Basic Shiksha: 2018 से फंसी थी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया: अब मा० शिक्षकों की तैनाती का रास्ता साफ, नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश
- Shikshamitra news : शिक्षामित्रों के केस की आज हाईकोर्ट में हुई सुनवाई! अब 19 नवंबर को होगी अगली सुनवाई!
- प्रदेश के विभिन्न भर्ती आयोग / चयन बोर्ड के चयन प्रक्रिया को पारदर्शी एवं शुचितापूर्ण ढंग से कराए जाने संबंधित दिशा-निर्देश दिए जाने के संबंध में।
याचिका के अनुसार लोक सेवा आयोग ने 10 अप्रैल 2024 को राज्य कृषि सेवा भर्ती का विज्ञापन निकाला। याचियों ने इस भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा दी। कहा गया है कि विज्ञापन की शर्तों के अनुसार मुख्य परीक्षा के लिए एक पद के सापेक्ष 15 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया जाना चाहिए लेकिन एक पद पर साढ़े सात के अनुपात में 2029 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं जबकि नियमानुसार 4020 अभ्यर्थियों को सफल घोषित करना चाहिए था।
आयोग के अधिवक्ता ने कहा कि भर्ती की शर्त है कि सामान्य श्रेणी के लिए 40 प्रतिशत व आरक्षित श्रेणी के लिए 35 प्रतिशत अंक पाना अनिवार्य है।