मेरठ जिले के परिषदीय स्कूलों में मिड-डे मील की डिजीटल रजिस्टर में प्रविष्टि नहीं कराने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नाराजगी जताई। मेरठ जनपद में कुल 1068 हैं, लेकिन शतप्रतिशत कार्य नहीं हो रहा है। संख्या बहुत कम है। डिजीटल रजिस्टर में मिड-डे मील की हाजिरी की प्रविष्टि नहीं होने पर जिले के 13 खंड शिक्षा अधिकारियों को नोटिस और विकास क्षेत्र के एआरपी से भी जवाब तीन दिन के अंदर मांगा गया है।
नोटिस मिलते ही एबीएसए सक्रिय हुए हैं। मवाना के खंड शिक्षा अधिकारी ने प्रयास करके बुधवार को 19 प्राइमरी स्कूलों में मिड-डे मील की डिजीटल रजिस्टर में प्रविष्टि कराई। वहीं, मेरठ नगर क्षेत्र में भी 129 स्कूल हैं और दस से 12 इस कार्य को कर रहे हैं। बहरहाल उन्होंने अन्य शिक्षकों को मिड-डे मील की डिजीटल रजिस्टर में प्रविष्टि करने के सख्त आदेश दिए हैं। बीएसए आशा चौधरी ने जारी पत्र में कहा है कि इस कार्य के लिए पहले भी निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
- जनपद में ऑडिट के संबंध में , आदेश जारी
- जिले में कार्यरत रसोइयों से एमडीएम से सम्बन्धित कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य न लिए जाने के संबंध में।
- फ्लैट में घुसकर शिक्षिका और उसके पति पर हमला, शिक्षक गिरफ्तार
- निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 एवं उत्तर प्रदेश आधनियम-2009 निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली-2011 के के अन्तर्गत प्रदेश के गैर अनुदानित विद्यालयों को छोड़कर समस्त विद्यालयों में प्रबन्ध समिति पुर्नगठन के सम्बन्ध में
- परिषदीय विद्यालयों की 1.25 लाख छात्राएं होंगी वित्तीय साक्षर
इस संबंध में बीएसए ने तीन दिन के अंदर जवाब मांगा है। इस संबंध में शासन ने 20 जुलाई 23 में बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित परिषदीय विद्यालयों को पंजिकाओं के डिजिटाइजेशन कराने का निर्णय लिया है। इसके चलते जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आशा चौधरी ने 12 नवंबर 24 को मेरठ जिले के खंड शिक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। इनमें 12 ब्लॉक के 12 खंड शिक्षा अधिकारी और मेरठ नगर के एक एबीएसए शामिल हैं। बीएसए की ओर से जारी नोटिस में कहा कि मेरठ नगर व सभी विकास खंडों के विद्यालयों में डिजीटल रजिस्टर में छात्र उपस्थिति एवं मध्याह्न भोजन रजिस्टर में प्रविष्टि नहीं की जा रही है।
बार-बार शासन स्तर से इस मामले की प्रगति रिपोर्ट मांगी जा रही है। उन्होंने तीन दिवस का डाटा अवलोकन किया तो पता चला कि पूरे जिले में किसी भी विद्यालय में डिजीटल रजिस्टर में मध्यान्ह भोजन पाने वाले बच्चों की संख्या की प्रविष्टि नहीं की जा रही है। इसकी प्रगति रिपोर्ट मात्र दो प्रतिशत है।
वहीं, मुख्यालय से अजय कुमार ने कहा कि इसके लिए लगातार कार्य चल रहा है। कुछ शिक्षक विरोध भी कर रहे हैं, लेकिन समझाया जा रहा है कि इस आदेश का पालन हो। आज भी यह करवाया व समझाया जाएगा। वहीं, मवाना खंड शिक्षा अधिकारी त्रिवेंद्र कुमार ने कहा कि इस कार्य को प्राथमिकता पर किया जायेगा। आज भी एआरपी को साथ लेकर प्राइमरी स्कूलों में मिड-डे मील की डिजीटल रजिस्टर में प्रविष्टि कराई जाएगी।