प्रयागराज 22 दिसंबर को पीसीएस 2024 प्रारंभिक परीक्षा कराने के फैसले से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का सत्र शून्य नहीं होगा। 11 नवंबर को जिस तरह से प्रतियोगी छात्रों ने आंदोलन शुरू किया था तो लगने लगा था कि कहीं सत्र शून्य न हो जाए। हालांकि परीक्षा तिथि तय होने के साथ ही सारी आशंकाओं का खुद-ब-खुद समाधान हो गया। ये अलग बात है कि आयोग अपने तय समय से नौ महीने से अधिक अंतराल के बाद परीक्षा करा सकेगा।
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12 जनवरी 2024 को जारी कैलेंडर में आयोग ने पीसीएस प्री 17 मार्च को कराने का निर्णय लिया था लेकिन आरओ/एआरओ 2023 प्रारंभिक परीक्षा का पेपर 11 फरवरी को लीक होने के कारण परीक्षा टालनी पड़ गई। उसके बाद आयोग ने तीन जून को जारी संशोधित कैलेंडर में 27 अक्तूबर को पीसीएस 2024 प्रारंभिक परीक्षा कराने की सूचना दी थी लेकिन तमाम कोशिश के बावजूद 19 जून के शासनादेश के अनुसार परीक्षा केंद्र नहीं मिलने के कारण आयोग ने पहले 27 और 28 अक्तूबर को परीक्षा कराने की तैयारी की थी। फिर पांच नवंबर को आयोग ने अधिकारिक रूप से सात और आठ दिसंबर को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा की तिथि जारी की। दो दिन में परीक्षा कराने के निर्णय से मचे बवंडर के बाद आयोग ने गुरुवार को न सिर्फ एक दिन में परीक्षा कराने का निर्णय लिया बल्कि एक दिन बाद शुक्रवार को 22 दिसंबर की तिथि भी घोषित कर दी।
● बवंडर के बाद नौ महीने बाद हो सकेगी पीसीएस प्री
● जनवरी में जारी कैलेंडर में 17 मार्च को थी प्रस्तावित
फिर उसी साल परिणाम नहीं दे सकेगा आयोग
आयोग इस साल पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा करा तो लेगा लेकिन परिणाम आना मुमकिन नहीं है। पिछले ढाई दशक के आयोग के इतिहास में ऐसा दूसरी बार होने जा रहा है। इससे पहले साल 2001 में आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा तो करा ली थी लेकिन उस साल परिणाम घोषित नहीं कर सका था।