ज्ञानपुर। को-लोकेटेड आंगनवाड़ी केंद्री में पड़ने वाले मौनिहालों को ईसीसीई एजुकेटर बच्चों को पढ़ाएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग 359 ऐसे परिषदीय विद्यालयों में लर्निंग कॉर्नर तैयार करेगा, जिनके परिसर में आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं।
इसमें से चयनित 96 विद्यालयों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर अब ईसीसोई एजुकेटर बच्चों को पढ़ाते नजर आएंगे। ईसीसीई एजुकेटर (प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा) की तैनाती के लिए सेवा प्रदाता संस्था के चयन की प्रक्रिया शुरू हो
बच्चों को मिलेगी शिक्षा, सेवा प्रदाता संस्था के चयन को लेकर शुरू हुई प्रक्रिया
परिषदीय विद्यालयों के परिसर में संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों में पंजीकृत बच्चों को पढ़ाने के साथ ही उन्हें खेलने व मौज मस्ती करने के लिए यह योजना बनाई गई है।
विद्यालयों के परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों को को-लोवेटेड सेंटर की श्रेणी में रखा गया है। इन केंद्रों पर चार लर्निंग कॉनी (सीखने वाले कोने) बनाए जाने की शासन की ओर से योजना संचालित की गई है।
प्रत्येक को-लोवेन्टेड केंद्रों पर एक एक इंस्ीसीई एजुकेटर (प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा) की तैनाती करने की योजना तैयार की गई है, जो अच्चों को सिख देंगे।
प्रथम चरण में ऐसे 96 केंद्रों का चयन किया गया है जिनमें सुविधाएं व संसाधन उपलब्ध हैं तो बच्चे के संख्या की अधिकता है।
शासन की ओर से जिले में को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र वाले विद्यालयों में लर्निंग कॉर्नर तैयार करने के लिए चपर किया गया है। धामी खरीद के लिए धनराति भी भेजी जा चुकी है।
१७ केंद्रों में सेवा प्रदातासोथा के जरिये ईसीसीई एजुकेटर को जैनम्ती करने की योजना है। इसके लिए प्रक्रिय शुरू करा दी गई है। भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए
लर्निंग कॉर्नर बनाने के लिए जारी हो चुके हैं
29.11 लाख रुपये
ज्ञानपुर। बेसिक शिस विभार के तहत संचालित 359 ऐसे परिषदीय विद्यालयों में लर्निंग कॉर्नर तैयार किया जाएगा, जिनके परिसर में आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं। शासन स्तर से इसके लिए 29.11 लाख रुपये अवमुक्त कर दिए गए हैं। अबमुनत भनति से प्रतिविद्यालय 8110 रुपये की दर से धनराशि विद्यालय प्रबंध समितियों के खाते में भेज दिया गया है। संजय
ये है लर्निंग कॉर्नर की व्यवस्था
नई शिक्षा नीति के तहत तीन से छह वर्ष के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से दी जाएगी। इसके बाद उन्हें प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेश मिलेगा। नौनिहालों को खेल खेल में हो महई कराने के लिए को- लोकेटेड केंद्रों पर लर्निंग वॉर्नर चार चरणों में बनेगा। इसमें रीडिंग कॉर्नर आर्ट कॉर्नर, किताब कॉर्नर और प्रदर्शन कॉर्नर होंगे। इसके लिए किचन सोट, डॉक्टर सेट, भोजन सेट, फूट सेट, टेलीफोन सहित अन्य सामग्रियां खरीदी जाएंगी। जब बच्चे पहां पड़ने आएंगे तो उन्हें यह सामग्री देकर खेत और मौ। मस्ती के माध्यम से पढ़ाई कराई जएगी।