लखनऊ,। यूपी में शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में प्राइवेट पार्टनर के साथ पार्टनरशिप कर 930 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है। इससे करीब 90 लाख छात्रों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत प्रदेश के विद्यार्थियों को गूगल क्लाउड व सर्विस नाउ जैसी प्रख्यात कंपनियों में इंटर्नशिप का अवसर भी मिलना शुरू हो गया है।
आईटीआई में पीपीपी मॉडल ने बदले समीकरणः प्रदेश के 107 आईटीआई में से 49 को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर निजी कंपनियों को सौंपा गया है, जिनमें से 38 संस्थान पहले से ही सक्रिय हैं। इस पहल के तहत, लगभग 20 हजार विद्यार्थियों के कौशल विकास बढ़ाने का कार्यक्रम पूरा कर लिया है। वहीं, 30 हजार से अधिक छात्र वर्तमान में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसके अलावा करीब तीन हजार छात्रों को गूगल क्लाउड, सर्विस नाउ जैसी प्रमुख कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर भी प्राप्त हुए हैं।
10 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने पर फोकसः सरकार ने विद्यार्थियों को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से यू-राइज पोर्टल पर प्लेसमेंट पोर्टल विकसित किया है। इस पोर्टल से छात्रों को कौशल विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसरों तक
पहुंच आसान हो सकेगी। स्किल एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म का बीटा परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है और आईटीआई, यूपीएसडीएम, एसआरएलएम, पॉलिटेक्निक, सूडा, एससीए से एससीएसपी और एमएसएमई जैसे आठ विभागों के प्रशिक्षित छात्रों को इस पोर्टल पर जोड़ा जाएगा। इसके माध्यम से लगभग 10 लाख प्रशिक्षित छात्रों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
18 हजार से अधिक कोर्स की सुविधा शुरू
प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना समेत विभिन्न कार्यक्रम प्रदेश में बड़े स्तर पर क्रियान्वित हैं। राज्य सरकार ने इन्फोसिस के साथ पार्टनरशिप कर इंफोसिस स्प्रिंगबोर्ड ऐप का विकास किया है जिस पर टैब व स्मार्टफोन प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को लर्निंग कंटेंट उपलब्ध कराया जा रहा है और इनकी एंड टू एंड मॉनिटरिंग उपलब्ध कराया जा रहा है। इस प्लैटफॉर्म के जरिए 18 हजार से अधिक लर्निंग व रोजगारपरक कोर्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसी प्रकार, डिजी शक्ति पोर्टल व ऐप के माध्यम से भी लर्निंग, रोजगारपरक कंटेंट और सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदेश के युवाओं को उपलब्ध करायी जा रही