प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी पाने वाला व्यक्ति नैसर्गिक न्याय की दुहाई नहीं दे सकता। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति अजय भनोट की अदालत ने सहायक अध्यापक सौरभ श्रीवास्तव की याचिका खारिज करते हुए की।

- एलआईसी के अधिकारी व वकील कैसे कर रहे गैरजिम्मेदाराना व्यवहार
- Primary ka master: बिना अनुमति विदेश गए गुरुजी तो होगी कार्यवाही
- मानसून की दस्तक के साथ पूर्वोत्तर में भारी बारिश की चेतावनी, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में लू चलने के आसार
- बच्चों को परिवार-दोस्तों से दूर कर रहा मोबाइल 👉 रिपोर्ट में खुलासा, नींद और खुशी छीन रहा बढ़ता स्क्रीन टाइम
- 225 मदरसों,30 मस्जिदों पर हुई कार्रवाई
बेसिक शिक्षा अधिकारी इटावा ने याची की नियुक्ति इस आधार पर रद्द कर दी कि उसका टीईटी का प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया। इसके खिलाफ याची ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याची के अधिवक्ता ने नैसर्गिक न्याय का हवाला दिया। कहा कि नियुक्ति रद्द करने का चार अक्तूबर 2024 का आदेश पारित करने से पहले याची को सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया। संवाद