श्रावस्ती। जिले में फर्जी अभिलेख के सहारे बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी कर रहे पांच शिक्षकों को सोमवार देर शाम बीएसए ने बर्खास्त कर दिया। इन जालसाजों दस्तावेज ही फर्जी थे या फिर इनके नाम पते भी फर्जी हैं, इसका खुलासा इनकी गिरफ्तारी के बाद ही हो सकेगा।
बेसिक शिक्षा विभाग में कूट रचित दस्तावेज के सहारे नौकरी कर रहे पांच सहायक अध्यापकों की सेवाएं, उनके नियुक्ति की तिथि से समाप्त कर दी गई हैं। ऐसे में नियुक्ति से लेकर अब तक उन्हें कितना वेतन भुगतान हुआ, इसका आकलन कराया जा रहा है। ताकि उन्हें नोटिस जारी कर दी गई धनराशि की वसूली की जा सके।
इसके साथ ही एक नया सवाल भी उठ गया है कि उन्हें नोटिस किस नाम पते पर भेजा जाए। क्योंकि जिस नाम पता से वह नौकरी कर रहे थे, वह उनके सही नाम पते थे या वो भी उनके अभिलेखों की फर्जी हैं, इसका खुलासा आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही संभव है। फिलहाल अभी आरोपियों पर एफआईआर की तैयारी चल रही है।
बर्खास्त शिक्षकों के नाम और पते : बर्खास्त होने वालों में जमुनहा विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय ददौरा के सहायक अध्यापक विनोद कुमार के अभिलेखों में उनके पिता का नाम श्रीप्रसाद, निवासी ग्राम हेंगापुर तप्पा दुबौलिया परगना अमोढ़ा तहसील हरैया जिला बस्ती दर्ज है। प्राथमिक विद्यालय नगईगांव के सतीश के अभिलेख में उनके पिता का नाम राम अवतार निवासी 163 खेड़ा मोहल्ला पोस्ट, थाना तहसील शिकोहाबाद व जिला फिरोजाबाद दर्ज है। प्राथमिक विद्यालय त्रिलोकपुर के राहुल वर्मा के पिता का नाम कृष्ण कुमार वर्मा निवासी 108 राधानगर थाना तहसील व जिला हरदोई दर्ज है।
सिरसिया विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय जोगन भरिया के कर्मवीर सिंह के पिता का नाम अमरजीत सिंह निवासी मोहल्ला शंभूनगर, शिकोहाबाद जिला फिरोजाबाद दर्ज है। प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मनपुर मजगवां के सहायक अध्यापक सुमित शर्मा के पिता का नाम दिनेश चंद्र निवासी सिरसा रोड सिरसागंज जिला फिरोजाबाद ही दर्ज है। (संवाद
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कूट रचित दस्तावेज के सहारे नौकरी कर रहे पांच शिक्षक बर्खास्तगी का मामला
बर्खास्त शिक्षकों को वेतन के रूप में भुगतान की गई रकम का हो रहा आकलन
6 बर्खास्त शिक्षकों पर एफआईआर कराने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए संबंधित बीईओ को जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही इन्हें अब तक कितना पैसा सरकारी मद से मिला है। इसका आगणन किया जा रहा है। ताकि इन सभी को रिकवरी नोटिस जारी कर दी गई धनराशि
की वसूली की जा सके। अजय कुमार गुप्ता, बीएसए