लखनऊ, । रायबरेली, आजमगढ़ समेत कई जिलों में ग्राम विकास अधिकारी की आईडी से हजारों की संख्या में फर्जी जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के मामले में जल्दी ही कुछ और कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी है। ये कर्मचारी रायबरेली व आजमगढ़ के हैं। अगस्त में इस मामले की जांच एटीएस ने की थी। एटीएस ने मास्टरमाइंड रविकेश को गिरफ्तार कर कई खुलासे किए थे। इस मामले में अब तक 22 लोग जेल में है। एटीएस ने इस मामले में अपनी जांच पूरी कर रायबरेली और आजमगढ़ पुलिस प्रशासन को काफी ब्योरा दे दिया था। इस फर्जीवाड़े का खुलासा सबसे पहले इसी साल अगस्त में रायरबरेली में हुआ था। इसमें ग्राम विकास अधिकारी की जन्म प्रमाण पत्र पोर्टल की आईडी और पासवर्ड का गलत इस्तेमाल कर कई राज्यों में हजारों की संख्या में फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिए गए थे। इसमें सीएचसी संचालक जीशान खान, विजय, रियाज खान और सुहैल भी गिरफ्तार हुए थे। इन सबने ही फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने में अहम भूमिका निभाई थी। एटीएस ने जब इसकी जांच शुरू की तो कई खुलासे हुए थे।
उसने ही खुलासा किया था कि यह खेल सिर्फ रायबरेली, आजमगढ़ में नहीं बल्कि 12 अन्य जिलों में भी चल रहा था। जांच में आया कि फर्जीवाड़े में शामिल गिरोह की मदद कई कर्मचारियों ने की थी। इनकी शह पर ही जालसाजों ने मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर खूब फर्जीवाड़ा किया था। सीएमओ आजमगढ़ कार्यालय में तैनात एक संविदा कर्मचारी की संलिप्तता मिली। ये प्रमाण पत्र सरकारी योजनाओं की मदद लेने के लिए बनवाए गए थे।
सूत्रों के मुताबिक एटीएस ने अपनी जांच पूरी कर कई कर्मचारियों की सूची भी रायबरेली व आजमगढ़ पुलिस को दे दी थी। दावा किया जा रहा है कि जल्दी ही इन कर्मचारियों के नाम भी एफआईआर में बढ़ाकर कार्रवाई की जाएगी।