लखनऊ, । प्रबंधन ने रिफार्म प्रक्रिया के तहत तय किया है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में वाराणसी व आजमगढ़ मंडल की आठ जिलों की एक कंपनी, प्रयागराज व मिर्जापुर मंडल की छह जिलों को मिलाकर दूसरी कंपनी तथा गोरखपुर और बस्ती मंडल के सात जिलों को मिलाकर तीसरी कंपनी बनाई जाएगी। इसी प्रकार दक्षिणांडल निगम में आगरा और अलीगढ़ मंडल के आठ जिलों को मिलाकर एक कंपनी और कानपुर, झांसी व बांदा मंडल के 12 जिलों को मिलाकर दूसरी कंपनी का गठन होगा। सेवा शर्तों, सुविधाएं इलेक्ट्रिसिटी एक्ट मिलेंगी प्रबंधन ने एक बार फिर इस बात को स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों की सेवा शर्तों, वेतन भत्तों, सुविधाओं, प्रोन्नति के अवसरों या सेवानिवृत्ति लाभ आदि में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। इसे इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2003 की धारा-133 के अनुरूप सुनिश्चित किया जाएगा। इसे नई कम्पनियों के अनुबंध में भी डाला जाएगा। जब निविदा प्रपत्र प्रकाशित किए जाएंगे तो इस शंका का स्वत: ही समाधान हो जाएगा।नई कंपनियां अनुभवी इंजीनियरों को देंगी अधिक सुविधाएंप्रबंधन ने कर्मचारियों को उत्साहित करने के लिए यह भी कहा है कि जो नई कंपनियां आएंगी उन्हें प्रशिक्षित, दक्ष व अनुभवी इंजीनियरों एवं तकनीकी व्यक्तियों की जरूरत होगी। कंपनियां सुविधाएं देकर सरकारी कम्पनियों से लोगों को आकर्षित करेंगी। पावर कारपोरषन प्रबंधन को यह चिंता हो रही है कि कहीं बड़ी संख्या में दक्ष व अनुभवी कर्मचारी निजी कम्पनियों में न चले जाएं।
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