नई दिल्ली, । यूजीसी ने गुरुवार को विश्वविद्यालय और कॉलेजों में साल में दो बार दाखिले सहित कुछ अन्य बदलाव को लेकर गाइडलाइन जारी की। इसमें स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में व्यापक सुधार की योजना एक साथ दो डिग्री हासिल करने की व्यवस्था की गई है।
- 8th Pay Commission: दो साल नहीं, महज 200 दिन में ही वेतन आयोग का फायदा देगी मोदी सरकार, बनेगा ये रिकार्ड
- उत्तर प्रदेश लेखपाल भर्ती परीक्षा -2022 के आधार पर योग्य अभ्यर्थियों की सूची जारी करने के संबंध में
- Primary ka master: परिषदीय शिक्षकों के तबादले के लिए 587 ने किया आवेदन, 20 अप्रैल अंतिम तिथि
- समय से पहले छुट्टी पर रोका वेतन
- Primary ka master: साहब के लिए एसी, बच्चों को पंखा भी नहीं
गाइडलाइन के अनुसार यूजी और पीजी के लिए पात्रता को अलग कर दिया गया है। छात्र अपनी पिछली योग्यता से इतर किसी भी कार्यक्रम का चयन कर सकते हैं। वे दो बार दाखिले की सुविधा के तहत वर्ष में दो बार नामांकन कर सकेंगे। यूजीसी ने ग्रेजुएट डिग्री और पोस्टग्रेजुएट डिग्री रेगुलेशन, 2024 के तहत यह गाइडलाइन तैयार की है। इसमें छात्रों के योग्यता मापदंड और क्रेडिट की न्यूनतम आवश्यकता को आसान बनाया गया है। आयोग ने जारी ड्राफ्ट गाइडलाइन पर लोगों से 23 दिसंबर तक प्रतिक्रिया मांगी है।

उच्च शिक्षा संस्थानों की राह आसान
यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि नियमों में बदलाव का उद्देश्य छात्रों के लिए ज्ञान प्राप्त करने की प्रक्रिया को लचीला बनाना, अनुशासनात्मक कठोरता दूर करना, वर्तमान शिक्षा,कई विषयों की पढ़ाई का अवसर देना है। इसमें कई बार प्रवेश और कार्यक्रम को बीच में छोड़ने, पहले ग्रहण की गई शिक्षा की मान्यता और एक साथ दो डिग्री को आगे बढ़ाने के लिए कुछ राहत के प्रावधान हैं।
छह केंद्रीय विवि में साल में दो बार प्रवेश यूजीसी से मंजूरी के बाद छह केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने साल में दो बार प्रवेश देने की शुरुआत की है। शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने राज्यसभा में लिखित के प्रश्न के उत्तर में बताया कि यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों को साल में दो बार जुलाई या अगस्त,जनवरी या फरवरी में दाखिले की अनुमति दी है पर ये जरूरी नहीं है