सिद्धार्थनगर, । साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर ठगी करने में जुटे हैं। बीते एक पखवारे से मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 के नाम पर बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को व्हाट्सएप पर एपीके फाइल भेजकर सर्वे के नाम पर ठगी का प्रयास किया जा रहा है। शिक्षकों के बाद अब रविवार को बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय के पास भी साइबर ठग ने कॉल किया। बीएसए के कई सवालों में उलझे ठग ने आखिरकार कॉल को डिस कनेक्ट कर दिया। बहरहाल इस जनपद में अभी तक शिक्षकों की सूझबूझ से साइबर अपराधी अपनी मंशा में कामयाब नहीं हो सके हैं।
परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक इन दिनों मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 से आ रही कॉल से घबराए हुए हैं। इसमें
■ साइबर ठग ने 1076 से कॉल कर बीएसए से एप डाउनलोड करने को बोला .
- बेसिक शिक्षा विद्यालयों में कार्यरत अनियमित/नियम विरूद्ध/फर्जी रूप से नियुक्त परिषदीय शिक्षकों/शिक्षिकाओं के विरूद्ध की गयी कार्यवाही विषयक
- शिक्षक भर्तियां न आने से अब डीएलएड प्रवेश के लिए नहीं मिल रहे प्रशिक्षु
- प्रीमियम कटौती का हिसाब अब तक नहीं, शिक्षकों ने सीएम और पीएम तक को लिखा पत्र
- तबादले में कुंडली मिलान के बाद ‘दहेज’ की मांग, इस तरह जुगत लगा रहे शिक्षक – शिक्षिकाएं
- जियो व वोडाफोन के कॉल ड्रॉप सर्वाधिक
एक कॉलर एप और एपीके फाइल डाउनलोड करने को कहा जा रहा है, जिससे संशय हो रहा है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से भी समय-समय पर फीड बैक लिया जाता है, लेकिन यह सही है या नहीं, शिक्षक इसे तय नहीं कर पा रहे हैं। अब तक सैकड़ों शिक्षकों के पास इस नंबर से यह कॉल आ चुकी है। कॉलर एप को डाउनलोड करके डाटा को फीड करवाने की बात कही जा रही है, साथ ही आधारकार्ड का फोटो अपलोड करने के लिए भी कहा जा रहा है। साइबर ठग ने रविवार को बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय के पास भी कॉल की। उसने एक शिक्षक की ओर से किए गए बत्तमीजी का हवाला देते
■ बीएसए के कई सवालों में उलझे साइबर ठग ने डिस कनेक्ट की कॉल
हुए बात की शुरुआत की। बीएसए ने अप्लीकेशन लोड करने संबंधित विभागीय उच्चाधिकारियों की ओर से पत्र भेजने की बात कही। साइबर ठग ने कहा कि लिंक को क्लिक करिए उसी में पत्र मिल जाएगा। बाद में बीएसए के कई धमकी भरे सवालों में उलझे ठग ने फोन डिस कनेक्ट कर दिया। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष आदित्य कुमार शुक्ल का कहना है कि लगातार शिक्षकों के पास ऐसी कॉल आ रही है। उन्होंने शिक्षकों से कहा है कि कोई भी कार्य विभागीय अधिकारियों के माध्यम से आने पर ही किया जाएगा। इस तरह के कॉल की पुष्टि करने के बाद ही कोई कदम उठाएं।