लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने देशभर के आउटसोर्स कर्मचारियों की

- स्थलीय निरीक्षण कर SMC की मीटिंग कर अभिभावकों को संवाद स्थापित कर शासकीय आदेशानुसार युग्मन की कार्रवाई के संबंध में जिले का आदेश
- Primary ka master: शुरूआत हो गई✍️ विद्यालयों को युग्मित्त (pairing) करने के सम्बन्ध में आख्या का प्रेषण ।
- Indian railway Announcement : महत्वपूर्ण घोषणा। 📢यात्रियों की बल्ले बल्ले, ₹3000 हजार दीजिए और साल भर हाइवे पर आराम से सफ़र कीजिए, बिना टोल दिए
- परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों में शैक्षणिक एवं प्रशासनिक गतिविधियों के संचालन के संबंध में।
- Salary saving : सैलरी आते ही होती है खत्म ? अपनाएं 40-30-20-10 रूल ?
सेवा नियमावली बनाए जाने व न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने आउटसोर्स कर्मियों को अर्ध कुशल, कुशल, डिप्लोमा तकनीकी व डिग्रीधारक चार श्रेणियों में बांटते हुए न्यूनतम मानदेय के निर्धारण का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने न्यूनतम मानदेय 20235 व 5400 के ग्रेड पे में रखे जाने वाले आउटसोर्स कर्मचारी के लिए 84500 न्यूनतम मानदेय का प्रस्ताव दिया है। परिषद की महामंत्री महामंत्री अरुणा शुक्ला ने ने बताया कि प्रस्ताव प्रस्ताव में आउटसोर्स कर्मचारियों की नियमावली 1 अप्रैल 2024 से प्रभावी करने तथा अर्ध कुशल, कुशल, कृषि, खनन, स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मजदूरों को लाभान्वित करने का प्रस्ताव दिया है। इसके साथ ही आउटसोर्स कर्मियों की चयन प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए चयन आयोग के गठन का प्रस्ताव दिया गया है। उन्होंने बताया कि जनवरी के पहले सप्ताह में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी, जिसे आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर को प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ वार्ता में आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया गया था। इस पर उन्होंने सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया है