एई भर्ती 22 विषयों का इंजीनियरिंग से नाता नहीं
● तैयारी कर रहे प्रतियोगी छात्रों का आरोप, बदलने की मांग
● सहायक अभियंता के 604 पदों पर आयोग ने मांगे हैं आवेदन
● प्रतियोगी छात्रों ने पद की संख्या भी बढ़ाने का किया निवेदन
प्रयागराज,
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से प्रदेश के विभिन्न विभागों में सहायक अभियंता के 604 पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। तीन साल के इंतजार के बाद शुरू हुई भर्ती के पाठ्यक्रम परिवर्तन और पदों की संख्या को लेकर छात्रों ने चिंता ज़ाहिर की है।
ग्रेजुएट इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक सिंह का कहना है कि प्रारंभिक परीक्षा में मानव स्वास्थ्य और स्वच्छता, जलवायु परिवर्तन समेत 22 नए विषयों को जोड़ दिया गया जिनका सिविल या मैकेनिकल अभियांत्रिकी से कोई सीधा सरोकार नहीं है। छात्रों का कहना है अभियांत्रिकी के 20-25 विषयों के साथ उन्हें हिन्दी और सामान्य विज्ञान पढ़ना होता है लेकिन प्रारंभिक परीक्षा में 22 अन्य विषय जोड़ देने से भार बढ़ गया है।
इतना बड़ा पाठ्यक्रम किसी परीक्षा का नहीं है। मांग है कि प्रारंभिक परीक्षा में या तो ये 22 विषय रखें जाए या हिन्दी और सामान्य विज्ञान।
शामिल करें रिक्त पद
प्रतियोगी छात्रों ने पाठ्यक्रम के अलावा पदों कि संख्या पर भी चिंता ज़ाहिर की है। छात्रों का कहना है तीन साल बाद भर्ती आयी है लेकिन नगर विकास विभाग के लगभग 300 पद बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के लगभग 40 पद, जल निगम (नगरीय) के 110 पद एवं उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम, उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम, लघु सिंचाई विभाग जैसे अन्य विभागों के सैकड़ों पद इस भर्ती में नहीं जोड़े गए हैं। छात्रों ने भर्ती में पदों की संख्या बढ़ाने की मांग की है। मांगें पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
क्वालिफाइंग होनी चाहिए प्रारंभिक परीक्षा
छात्रों का कहना है कि प्रारंभिक परीक्षा क्वालिफाइंग होनी चाहिए जिसमें 35 कटऑफ रखी जाए और पास होने वाले सभी अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल किया जाए। संघ लोक सेवा आयोग की इंजीनियरिंग सर्विसेज परीक्षा में भी जो छात्र उत्तीर्ण होते हैं वो सामान्य अध्ययन के पेपर में मात्र 30 से 35 फीसदी ही स्कोर कर पाते हैं। इसलिए उत्तर प्रदेश सहायक अभियंता भर्ती का कटऑफ भी पहले से 30 या 35 प्रतिशत ही निर्धारित कर देना चाहिए।