प्रयागराज। आशाओं की भर्ती मामले में डीसीपीएम (डिस्ट्रिक्ट कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर) अशफाक अहमद ने डीपीएम (जिला कार्यक्रम अधिकारी) को स्पष्टीकरण दिया। कहा, भूलवश डीएम का अनुमोदन नहीं लिया था।
पूर्व एसीएमओ व वर्तमान में संभल के सीएमओ डॉ. तरुण पाठक के निर्देश पर 448 आशाओं की भर्ती कर ली थी।
जिले में वर्ष 2023 में 467 में से 448 पदों पर आशाओं की मनमाने ढंग से भर्तियां कर दी गई थीं अक्तूबर में अमर उजाला ने मुद्दे को उठाया तो सीएम योगी के निर्देश पर प्रमुख सचिव ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर निदेशक धीरेंद्र सिंह को जांच कराने के लिए कहा था। इस पर प्रयागराज के डीएम ने जांच शुरू कराई तो डीसीपीएम अशफाक ने डीपीएम को स्पष्टीकरण दिया। हालांकि, चर्चा है कि जल्द ही मामले में डॉ. तरुण पाठक से भी
जवाब लिया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में पांच हजार की आबादी पर एक स्वास्थ्य उपकेंद्र होता है। इसमें से एक हजार की आबादी पर एक आशा का चयन किया जाता है।
चयन प्रक्रिया के लिए जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में डीएम
से अनुमोदन लिया जाता है। जिस गांव में चयन होना होता है, वहां खुली बैठक होती है। बैठक में प्रधान, एएनएम और सेक्रेटरी शामिल होते हैं। इसमें उसी गांव की अभ्यर्थी से आवेदन लिया जाता है।
चयन कर आवेदन संबंधित सीएचसी के अधीक्षक व बीसीपीएम के पास भेजे जाते हैं।
इसके बाद वहां से जिला स्तर पर एसीएमओ-आरसीएच व डीसीपीएम के पास आता है और फिर चयन होता है। यह दोनों प्रक्रिया नहीं कराई गई। कीडगंज निवासी बलराम पांडेय ने सीएम से शिकायत की थी।