लखनऊः परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों को चमकाने के लिए विद्यांजलि अभियान तेज किया जाएगा। प्रवासी भारतीयों, व्यापारियों व स्वयंसेवी संगठनों इत्यादि के ऐसे लोग जो इन विद्यालयों से पढ़कर निकले हैं, उनसे मदद ली जाएगी। पुरातन छात्रों की मदद से विद्यालयों में संसाधन जुटाए जाएंगे। अभी विद्यालयों में पुरातन छात्रों को जोड़ने का काम सुस्त गति से चल रहा है। ऐसे में अब विद्यांजलि पोर्टल पर उनका पंजीकरण कराने में तेजी लाई जाएगी।
बेसिक शिक्षा विभाग के उप शिक्षा निदेशक (प्राइमरी) संजय कुमार उपाध्याय की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर इस कार्य में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। बीते अक्टूबर महीने में ही विद्यालयों को विद्यांजलि पोर्टल पर पंजीकरण कराए जाने के निर्देश दिए गए थे लेकिन उन्होंने इसमें कोई खास रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में अब https:// vidyanjali.education.gov.
in पोर्टल पर तत्काल विद्यालय रजिस्ट्रेशन कराएंगे। ऐसे प्रवासी भातीय, व्यापारी या फिर एनजीओ संचालक जो इन विद्यालयों में मूलभूत संसाधन उपलब्ध कराने के इच्छुक होंगे, उनसे मदद ली जाएगी। इनकी मदद से स्कूलों
में विद्यालय भवन की मरम्मत व नए निर्माण कराए जाएंगे, डेस्क- बेंच और कंप्यूटर इत्यादि उपलब्ध कराए जाएंगे। केंद्र सरकार की ओर से अधिक से अधिक कंपनियों से कारपोरेट-सामाजिक उत्तरादायित्व (सीएसआर) के तहत मदद लेने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में कुल 1.33 लाख परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल हैं और अभी तक इस अभियान से 10 प्रतिशत से भी कम विद्यालय जुड़ पाए हैं। ऐसे में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए अब अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।