लखनऊ, एक जनवरी: अगले साल से वाहनों की प्रदूषण जांच और महंगी हो जाएगी। सभी प्रकार के वाहनों की प्रदूषण जांच शुल्क में पाँच प्रतिशत की वृद्धि की जा रही है। यह नई दरें अपर परिवहन आयुक्त पुष्पसेन सत्यार्थी द्वारा जारी आदेशानुसार 1 जनवरी, 2025 से लागू होंगी।
नए आदेश के अनुसार, पेट्रोल से चलने वाले दोपहिया वाहनों के लिए 65 रुपये, तिपहिया वाहनों (पेट्रोल/एलपीजी/सीएनजी) के लिए 85 रुपये, और चौपहिया वाहनों (पेट्रोल/एलपीजी/सीएनजी) के लिए भी 85 रुपये प्रदूषण जांच शुल्क निर्धारित किया गया है। डीजल से चलने वाले तिपहिया और चौपहिया वाहनों के प्रदूषण की जांच के लिए 115 रुपये का शुल्क देना होगा।
परिवहन आयुक्त ने इस संबंध में सभी आरटीओ और एआरटीओ को आदेश जारी कर दिया है। यदि वाहनों की प्रदूषण जांच नहीं कराई गई तो 10,000 रुपये का चालान हो सकता है। डीजल, पेट्रोल, सीएनजी, और एलपीजी से चलने वाले वाहनों को हर छह महीने में प्रदूषण जांच कराना अनिवार्य है।
लखनऊ में प्रदूषण जांच के 210 से अधिक केंद्र हैं। अभी तक, पेट्रोल वाले दोपहिया वाहनों के लिए 60 रुपये, डीजल वाहनों के लिए 110 रुपये, और पेट्रोल/सीएनजी/एलपीजी से चलने वाले तिपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए 80 रुपये का शुल्क देना पड़ता था।