केंद्र सरकार सेवानिवृत्त के बाद बुजुर्गों को सामाजिक सुरक्षा के तहत व्यापक लाभ दिए जाने के विकल्पों पर विचार कर रही है। इसके तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़े कर्मचारियों को अपने पीएफ कोष को पेंशन में बदलने का विकल्प दिया जा सकता है।
इससे सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को ज्यादा पेंशन मिल पाएगी। संभावना जताई जा रही है कि आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में भी सरकार सामाजिक सुरक्षा को लेकर ऐलान कर सकती है। सूत्र बताते हैं कि केंद्र सरकार के निर्देश पर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय पहले से सामाजिक सुरक्षा योजना का दायरा बढ़ाने के विकल्पों पर काम कर रहा है। नए विकल्पों के तहत श्रमिकों को कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी।
ईपीएफओ से जुडे श्रमिक पीएफ कोष में जमा धनराशि को सेवानिवृत्ति के समय पेंशन के तौर पर परिवर्तित कर सकेंगे। इसका मतलब है कि सेवानिवृत्ति के समय किसी कर्मचारी को लगता है कि उसे बुढ़ापे में पेंशन अधिक चाहिए तो वह कोष में जमा धनराशि को पेंशन कोष में डाल सकता है। इससे पेंशन के तौर पर मिलने वाली धनराशि बढ़ जाएगी।
सेवानिवृत्ति के बाद भी पीएफ पर ब्याज मिलेगा
इसी तरह से अगर किसी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के समय लगता है कि उसके पास आय के अन्य विकल्प हैं और उसे 58 वर्ष में सेवानिवृत्त होने पर पेंशन नहीं चाहिए, बल्कि वह पेंशन को 60-65 या अन्य किसी उम्र से शुरू करना चाहता है तो यह विकल्प भी प्रदान किया जाएगा। ऐसे में पेंशन कोष में जमा धनराशि पर सालाना ब्याज जुड़ता रहेगा और जिस उम्र से शुरू करना चाहेगा, उससे उसी हिसाब से पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी।