लखनऊ। प्रदेश में संस्कृत विद्यालयों में भी युवाओं को पढ़ाई के साथ ही रोजगार से जोड़ने के लिए इस सत्र से चार डिप्लोमा कोर्स शुरू किए गए। इसमें पौरोहित्य (कर्मकांड) की पढ़ाई में युवा सबसे ज्यादा रुचि ले रहे हैं। यही वजह है कि 13 और विद्यालयों ने नए सत्र 2025- 26 में डिप्लोमा कोर्स शुरू करने के लिए मान्यता ली है। खास यह कि इन डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश के लिए सीटों की कोई बाध्यता नहीं रखी गई है।
संस्कृत विद्यालयों में काफी दिनों से परंपरागत तरीके से पठन-पाठन चल रहा है। इसे देखते हुए हाल ही में यहां भी रोजगारपरक कार्यक्रम शुरू करने की कवायद की गई।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद ने सत्र 2024-25 में युवाओं के लिए चार रोजगारपरक डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत की है। पहले साल 15 कॉलेजों ने इसके लिए संबद्धता
ली थी। पहला साल होने के बाद भी इसमें युवाओं ने रुचि दिखाई। सर्वाधिक रुचि पौरोहित्य के कोर्स में देखी गई।
इस डिप्लोमा कोर्स में कुल 271 छात्रों ने प्रवेश लिए, इसमें 268 छात्र व तीन छात्राएं शामिल हैं। इसके बाद युवाओं ने योग विज्ञान में रुचि दिखाई है। इस कोर्स में कुल 65 छात्र- छात्राएं हैं, जिनमें 38 छात्र और 27 छात्राएं शामिल हैं।
इन कोर्स को करने के बाद युवा न सिर्फ स्वरोजगार कर सकते हैं बल्कि उन्हें विभिन्न संस्थानों में भी रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। युवाओं की रुचि को देखते हुए नए सत्र में संस्कृत विद्यालयों ने भी इसकी तरफ रुख किया है।