देवरिया। परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत अनियमित व नियम विरुद्ध फर्जी रूप से नियुक्त पर शिक्षकों के विरुद्ध की गई कार्रवाई की रिपोर्ट शासन स्तर से मांगी गई है। इसके बाद निर्धारित प्रारूप पर मंडल, जनपद, फर्जी शिक्षकों व सेवा समाप्ति और रिकवरी की संख्या जिला स्तर से देने की तैयारी की जा रही है। पत्र आने के बाद संबंधित पटल के बाबू इसे तैयार करने में लगे हैं। फर्जी शिक्षक भर्ती प्रकरण को लेकर जिला पहले ही चर्चित रहा है। पिछले 15 सालों में जो बीएसए यहां तैनात रहे, उनके कार्यकाल के दौरान हुई शिक्षक भर्ती पदों पर हुई नियुक्तियों को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। जब से मामले की जांच एसटीएफ कर रही है और मानव संपदा पोर्टल के अस्तित्व में आने पर कई शिक्षकों के एक ही रिकार्ड मिलने पर इस मामले में हुई अनियमितता की पोल भी खुली है।
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यही कारण है कि पिछले पांच वर्षों के अंदर जिले में 75 से अधिक शिक्षकों को सेवा से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। वहीं जिन शिक्षकों के खिलाफ शिकायत हुई है या एसटीएफ ने उनके शैक्षिक रिकार्ड मांगे हैं, उन पर भी कार्यवाही की तलवार लटक रही है। इधर बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बीएसए को इस संबंध में पत्र जारी किया है। इसके अनुसार परिषद के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत अनियमित, नियम विरुद्ध, फर्जी रुप से नियुक्त परिषदीय शिक्षक-शिक्षिकाओं पर की गई कार्यवाही का व्योरा मांगा गया है। निर्धारित प्रारुप के अंतर्गत मंडल का नाम, जनपद का नाम, फर्जी, नियम विरुद्ध परिषदीय शिक्षकों की संख्या, सेवा समाप्त शिक्षकों की संख्या, एफआईआर कराए गए प्रकरणों की संख्या, रिकवरी प्राप्त प्रकरणों की संख्या, अभियोग की सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।