अमेठी सिटी। बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त व लेखा कार्यालय से करीब पौने दो करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता सामने आई है। संबंधित दस्तावेज नहीं मिलने पर लिपिक के विरुद्ध केस दर्ज कराया गया है। जिलाधिकारी निशा अनंत ने तीन सदस्यीय जांच टीम भी गठित कर दी है। सूत्रों के अनुसार चहेते शिक्षकों के खाते में वेतन से अधिक रुपये भेजे गए हैं। इनमें कुछ शिक्षक निलंबित हैं तो कुछ की मौत हो चुकी है।
वित्त व लेखा कार्यालय में अनियमित भुगतान की शिकायत शिक्षा निदेशक से की गई थी। इसी क्रम में जिलाधिकारी ने एडीएम न्यायिक दिनेश कुमार मिश्र, जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ राजेश कुमार द्विवेदी व वरिष्ठ कोषाधिकारी रामेंद्र कुमार की टीम गठित कर जांच शुरू कराई है। एडीएम न्यायिक दिनेश कुमार मिश्र ने बताया कि सभी पक्षों को सुना जाएगा। जल्द ही रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। सूत्रों के अनुसार आरोपी कनिष्ठ लेखा लिपिक मनोज कुमार
मालवीय यहां से पहले बाराबंकी में तैनात थे। वहां एमडीएम में वित्तीय अनियमितता के आरोप में कार्रवाई हो चुकी है। यह यहां वर्ष 2020 से तैनात हैं
जांच शुरू होने के बाद केस दर्ज कराने पर उठे सवाल
वित व लेखाधिकारी कार्यालय में तैनात मनोज कुमार मालवीय के कार्यालय से बिना सूचना नायच होने के मामले में सोमवार को केस दर्ज कराया गया है, जबकि वित्त व लेखाधिकारी किशन गुप्ता की ओर से करीब एक माह पहले ही कार्यलय नहीं आने का नोटिस दिया गया है। इसे अमर उजाला ने प्रकाशित भी किया है। वहीं मामले में जांच शुरू होने के बाद अब प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें कारण दो दिसंबर से कार्यालय से गायब होना बताया गया है। ऐसे में जांच शुरू होने के बाद प्राथमिकी दर्ज कराने पर भी सवाल उठ रहे हैं। वित्त व लेखाधिकारी किशन गुप्ता ने पुलिस को दी तहरीर में लिखा है कि कार्यालय में मनोज कुमार मालवीय कनिष्ठ लेखा लिपिक पद पर कार्यरत हैं। दो दिसंबर 2024 से बिना जानकारी दिए कार्यालय से गायब है। शिक्षकों का वेतन भी वही बनाते हैं। इनके कार्यालय से बिना सूचना गलत तरीके से अनुपस्थित रहने पर संबंधित अभिलेख की तलाश की गई तो वह नहीं मिला। पूछताछ में पता चला कि संबंधित सभी अभिलेख उन्हीं के पास थे। इससे शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। उनके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाए।
तीन साल के मांगे बैंक स्टेटमेंट जांच टीम ने अभी तक करीब पांच लोगों को नोटिस दिया है। इनमें संविदा कर्मी, शिक्षक व पूर्व वित्त व लेखा अधिकारी का नाम शामिल है। सूत्रों के अनुसार सभी से तीन साल का प्रमाणित बैंक स्टेटमेंट, पासबुक की प्रति और स्पष्टीकरण मांगा गया है।
उच्च स्तर पर भी होगी जांच
जिलाधिकारी निशा अनंड ने बताया कि कमेटी गठित कर। तथ्यों की पड़ताल की जा रही है। यह अभी प्रारंभिक जांच है। सब स्पष्ट होने के बाद उच्च स्तर पर भी जांच कराई जाए । जांच रिपोर्ट आने में एक सप्ताह का समय लग सकता है।