नई दिल्ली, जेएनएन एक बहुत ही प्रचलित कहावत है-तंदरुस्ती हजार नियामत है। अगर आप जिम नहीं जा सकते हैं और खुद को फिट रखना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए है। सिर्फ सात मिनट की कसरत न सिर्फ आपको चुस्त-दुरुस्त रख सकती है, बल्कि निष्क्रिय जीवनशैली से सक्रिय जीवनशैली में बदलाव लाने में भी मदद कर सकती है।
आपाधापी भरे इस जीवन में समयाभाव के कारण जहां लोग अपने स्वास्थ्य पर अपेक्षाकृत उचित ध्यान नहीं दे पाते, वहीं सात मिनट की इस कसरत के लिए न तो जिम जाने को मोटी रकम खर्च करने की कोई आवश्यकता है और न ही कोई भारी उपकरण की दरकार है। कुछ व्यायामों में जंपिंग जैक, पुश-अप और क्रंचेस शामिल हैं। लैंसेट के एक अध्ययन से पता चलता है कि भारत में मोटापे की दर चिंताजनक है। यहां 70 प्रतिशत शहरी आबादी ज्यादा वजन वाली है। मोटापे के मामले में भारत दुनिया भर में अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है। मोटापे से ग्रसित लोगों के लिए जाने-माने व्यायाम मनोविज्ञानी क्रिस जार्डन का विशुद्ध वैज्ञानिक आधार पर तैयार व्यायाम कार्यक्रम बेहद लाभप्रद हो सकता
है। क्रिस का कार्यक्रम जो ‘गतिहीन जीवन’ जीने की समस्या को हल करता है… वो भी सात मिनट में।
क्या होता है हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग
हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग एक प्रकार का अंतराल प्रशिक्षण व्यायाम है। इसमें कई राउंड होते हैं जो कई मिनटों के अधिक मेहनत वाले व्यायामों के बीच बारी-बारी से हृदय गति को अधिकतम 80 प्रतिशत तक बढ़ाते हैं। इसके बाद आसान व्यायाम की छोटी अवधि होती है। हाई इंटेंसिटी इंटरवल व्यायाम के तहत-वाल सीट्स, पुश-अप्स, ऐब क्रंच, स्टेप-अप, स्क्वैट, ट्राइसेप डिप आन द चेयर, प्लैंक, हाई नीज, लंगेज, साइड प्लैक्स किए जा सकते हैं।
ब्लड शुगर नियंत्रित रखने के लिए फायदेमंद
दिल्ली स्थित कृष फिटनेस अकादमी की ट्रेनर किरण चुलानी शुरुआती और पेशेवर एथलीटों के लिए एचआइआइटी वर्कआउट के लाभों के बारे में बताती हैं कि यह वर्कआउट सभी स्तरों पर किसी की भी फिटनेस को बढ़ाने के लिए एक बहुत ही शक्तिशाली उपकरण हो सकता है। शुरुआती लोगों के लिए कम समय की प्रतिबद्धता करना आसान लगता है। एचआइआइटी इंसुलिन संवेदनशीलता में भी सुधार कर सकता है, जो ब्लड शुगर नियंत्रित करता है।