लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के सहयोग के लिए ब्लाकों में रखे जाने वाले एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) के चयन की प्रक्रिया 15 मार्च तक पूरी किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रत्येक ब्लाक में छह-छह एआरपी होंगे। जिसमें से पांच-पांच चयन के आधार पर और एक पदेन एआरपी जो कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (डायट) मेंटर के रूप में नामित किया जाएगा। वहीं न्याय पंचायत संसाधन केंद्रों (एनपीआरसी) व ब्लाक संसाधन केंद्रों (बीआरसी) का पुनर्गठन किया जाएगा।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि 31 मार्च को मौजूदा एआरपी का कार्यकाल खत्म होने वाला है। ऐसे में शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए उससे पूर्व ही इनके चयन की प्रक्रिया सभी जिलों में पूरी कर ली जाए। अब हर साल एआरपी के प्रदर्शन का मूल्यांकन होगा।
मूल्यांकन में अच्छा प्रदर्शन होने पर ही एक-एक वर्ष का और कार्यकाल बढ़ाया जाएगा। अधिकतम तीन वर्ष के लिए एआरपी चयनित होंगे। एक बार एआरपी बन चुके शिक्षकों को दोबारा अवसर नहीं दिया जाएगा। मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी को कमेटी में पदेन सचिव बनाया गया है। ऐसे शिक्षक जिन्हें पांच वर्ष के शिक्षण कार्य का अनुभव हो, रिटायर होने में कम से कम 10 वर्ष शेष हों और उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई न की गई हो उन्हें एआरपी बनाया जाएगा।