वाराणसी। प्रोजेक्ट अलंकार के तहत अब संस्कृत विद्यालयों का भी कायाकल्प होगा। हर विद्यालय में 25 से 52 लाख रुपये की लागत से शैक्षणिक सुविधाओं में सुधार किया जाएगा। वाराणसी मंडल के 17 विद्यालयों का चयन पहले चरण में किया गया है।
वाराणसी के सात और जौनपुर के 10 विद्यालय शामिल हैं। 2022-23 में अशासकीय सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों के कायाकल्प के लिए प्रोजेक्ट अलंकार योजना शुरू की है। संस्कृत विद्यालयों को 95 फीसदी अनुदान शासन से मिलेगा।
जबकि पांच प्रतिशत धनराशि प्रबंध तंत्र को खर्च करनी होगी। योजना के तहत पठन-पाठन में बेहतर माहौल के लिए स्मार्ट क्लास की व्यवस्था, विद्यालयों में बेहतर पेयजल, वाटर कूलर की स्थापना, हॉल व कक्ष, अच्छे शौचालय, प्रयोगशाला, खेल मैदान, बैडमिंटन व वॉलीबॉल कोर्ट की स्थापना, चहारदीवारी साइकिल स्टैंड, स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय, रेनवाटर जैसे संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
चंदौली और गाजीपुर को लाभ नहीं
वाराणसी जिले में 39 मध्यमा (12वीं तक) स्तर के अशासकीय 21 वित्तविहीन विद्यालय हैं। 25 संस्कृत महाविद्यालय और 18 मध्यमा महाविद्यालय कंबाइंड दोनों हैं। वहीं, जौनपुर में 35 मध्यमा, 28 मध्यमा महाविद्यालय हैं। जबकि 16 मध्यमा स्तर के वित्तविहीन विद्यालय हैं।
चंदौली में एक राजकीय मध्यमा विद्यालय, तीन अशासकीय मध्यमा विद्यालय चार महाविद्यालय हैं। गाजीपुर में 10 मध्यमा, 10 मध्यमा स्तर के विद्यालय अशासकीय विद्यालय हैं। तीन महाविद्यालय और दो वित्तविहीन मध्यमा स्तर के विद्यालय हैं।
वाराणसी में इन विद्यालयों का होगा कायाकल्प जिले के 38 विद्यालयों में से भोपापुर के रुद्र अध्यात्म संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भायठ का 50 लाख, मरूई के श्री आदर्श शंकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का 50 लाख, गढ़वासी टोला के श्री भगवान विष्णु स्वामी सतुआ बाबा संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय 50 लाख, हरिहरपुर के बाबू जगन प्रसाद वैद्यनाथ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय 42 लाख, हाजीपुर के अखिलेश्वर संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का 35 लाख, शिवपुर के श्री अन्नपूर्णा ऋषिकुल ब्रह्मचर्यश्रम 75 लाख रुपये और गुरवट के सरस्वती संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का 50 लाख रुपये में कायाकल्प किया जाएगा।
संस्कृत विद्यालयों के कायाकल्प के लिए बजट को मंजूरी मिल गई है। जल्द ही जिला विद्यालय निरीक्षकों के कोषागार खाते में रकम आएगी। इसके बाद कार्यदायी संस्थाओं को नामित कर काम शुरू कराया जाएगा। – परमांनद सिंह, मंडलीय
उप निरीक्षक वाराणसी मंडल
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