लखनऊ। प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति की मांग को लेकर राष्ट्रीय शिड़ा वर्ग आयोग ने माना योना है।
सरकार ने भाना आरक्षण पौटाला है लईकोर्ट ने माना आरक्षण पोटाला है लेकिन आज तक नौकरी नहीं मिली…?
69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाला
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने शनिवार से पुनः आंदोलन शुरू कर दिया है। अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा निदेशालय के सामने प्रदर्शन किया।
पुलिस प्रशासन ने अभ्यर्थियों की महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से मुलाकात कराई, महानिदेशक ने कहा की 11 फरवरी को प्रस्तावित सुनवाई में विभाग मामले को जल्द निस्तारित करने का निवेदन करेगा। हालांकि अभ्यर्थी उनके आश्वासन पर नहीं माने और धरने पर अड़े रहे। इस पर पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को ईको गार्डन धरना स्थल भेज दिया। उन्होंने यह भी कहा कि समाधान मिलने तक आंदोलन लगातार जारी रहेगा
69 हजार शिक्षक भर्ती में नियुक्ति की मांग को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी शनिवार को निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय के सामने प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों की जिद पर पुलिस ने स्कूल शिक्षा महानिदेशक से मुलाकात कर वार्ता करायी। इसके बाद पुलिस ने अभ्यर्थियों को आलमबाग स्थित इको गार्डन धरना स्थल भेज दिया।
अमरेंद्र पटेल के नेतृत्व में अभ्यर्थी शनिवार सुबह निदेशालय पहुंचकर धरने पर बैठे गए। अभ्यर्थियों ने प्रतिनिधि मण्डल ने स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा से भेंटकर मांग पत्र सौंपा। उन्होंने अभ्यर्थियों को भरोसा दिलाया कि 11 फरवरी की सुप्रीम कोर्ट में मामले की तारीख लगी है। विभाग की ओर से जल्द सुनवाई के लिये सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया जाएगा। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि चार वर्ष से अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र के लिये भटक रहे हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट और हाईकोर्ट का फैसला अभ्यर्थियों के पक्ष में हुआ है। फिर अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने में सरकार ने हीलाहवाली की। अभ्यर्थी आंदोलन के माध्यम से सरकार से मांग कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट में जल्द से जल्द सुनवाई हो और मामले का निस्तारित हो।